यह ख़बर 16 मार्च, 2011 को प्रकाशित हुई थी

गरीबी रेखा के मापदंड पर सरकार को फटकार

खास बातें

  • कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि आप कैसे कह सकते हैं गांवों में जो व्यक्ति रोज़ना 12 और शहरों में 17 रुपये खर्च करता है वह गरीबी रेखा से ऊपर है।
New Delhi:

सुप्रीम कोर्ट ने देश की गरीबी रेखा के मापदंड पर सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि आप यह कैसे कह सकते हैं गांवों में जो व्यक्ति रोज़ना 12 रुपये और शहरों में 17 रुपये खर्च करता है वह गरीबी रेखा से ऊपर है। गरीबी रेखा का ये पैमाना योजना आयोग ने तय किए हैं। देश में साढ़े छह करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं और सरकार इससे ज्यादा लोगों को बीपीएल कार्ड देने को तैयार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल से इस मामले में सरकार से बात करके 29 मार्च तक जवाब देने को कहा है।

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