नोएडा प्राधिकरण के करोड़पति इंजीनियर यादव सिंह की सीबीआई रिमांड और बढ़ी

नोएडा प्राधिकरण के करोड़पति इंजीनियर यादव सिंह की सीबीआई रिमांड और बढ़ी

नोएडा प्राधिकरण के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली:

नोएडा प्राधिकरण के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। 6 दिन की रिमांड के बाद सीबीआई ने यादव सिंह को गाज़ियाबाद की सीबीआई कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सीबीआई की मांग पर 5 और दिनों के लिए रिमांड पर भेज दिया।
 
सीबीआई सूत्रों की मानें तो यादव सिंह के पीजीपी चैरिटेबल ट्रस्ट की जांच में पाया गया है कि इस ट्रस्ट में करोड़ों रुपये दान के तौर पर आय़ा लेकिन दानकर्ताओं के बारे में ट्रस्ट कोई जवाब नहीं दे पाया। सीबीआई को शक है कि इस ट्रस्ट में रिश्वत की रकम खपाई जाती थी।

इस ट्रस्ट को साल 2009 में स्वास्थ्‍य औऱ शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए शुरू किया गया था औऱ इसकी शुरुआती ट्रस्टी यादव सिंह की पत्नी कुसुमलता और साले की पत्नी विद्यादेवी थी। सूत्रों के मुताबिक इस ट्रस्ट में 2009 से 2014 तक जब तक यादव सिंह अपने पद पर रहे, जम कर पैसा आया। करोड़ों रुपयों की इस रकम को दान बताया गया लेकिन जब इस मामले की जांच शुरू हुई तो एक के बाद एक घोटाले की परतें खुलने लगीं।

ट्रस्ट को साल 2009-10 में एक करोड़ 60 लाख का दान मिला। साल 2010-11 में लगभग तीन करोड़ रुपया दान में मिला। 2013-14 में कुल दान की रकम 5 करो़ड 63 लाख से ज्यादा पहुंच गई। दिलचस्प यह भी है कि इस ट्रस्ट को दान में मिलने वाले पैसे के लिए आय़कर छूट भी मिली हुई थी।

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एजेंसी के सामने साल 2012 में बनाए गए ट्रस्ट के एक ट्रस्टी ने ये बयान दे दिया कि उसे ट्रस्ट के बारे में कुछ भी पता नहीं है औऱ उसने तो यादव सिंह की दोस्ती के कारण अपने साइन किए थे। सूत्रों के मुताबिक इस ट्रस्ट के पास दिल्ली-आगरा हाईवे के पास बड़े पैमाने पर जमीनें भी हैं। सीबीआई को अब तक यादव सिंह की करीब 39 संपत्तियों की जानकारी मिली है। कई करोड़ की ये संपत्तियां यादव सिंह और उनके परिवार के नाम हैं।