नोटबंदी से सहकारी क्षेत्र तबाह होने का आरोप, केरल के मुख्यमंत्री और मंत्री धरने पर बैठे

नोटबंदी से सहकारी क्षेत्र तबाह होने का आरोप, केरल के मुख्यमंत्री और मंत्री धरने पर बैठे

केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने अपने मंत्रियों के साथ मार्च किया और आरबीआई के सामने धरना दिया.

खास बातें

  • नोटबंदी की आड़ में राज्य में सहकारी क्षेत्र को तबाह करने का आरोप
  • केंद्र सरकार के कदम को राजनीतिक साजिश करार दिया
  • एहतियाती उपाय किए बिना रुपये बंद करने से संकट
तिरूवनंतपुरम:

केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने अपने मंत्रियों के साथ आज यहां आरबीआई कार्यालय के सामने धरना दिया और केंद्र सरकार पर नोटबंदी की प्रक्रिया के आड़ में राज्य में सहकारी क्षेत्र को ‘‘तबाह’’ करने का आरोप लगाया और साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा.

धरना शुरू करने से पहले विजयन और उनकी कैबिनेट के सहयोगियों ने पालयम स्थित शहीद स्मारक से यहां आरबीआई के क्षेत्रीय कार्यालय तक मार्च किया. मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के कदम को ‘‘राजनीतिक साजिश’’ करार देते हुए भाजपा के उस आरोप को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि सहकारी समितियां ‘‘कालाधन का अड्डा’’ हैं.

प्रधानमंत्री पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि ‘‘एहतियाती उपाय किए बिना’’ एक हजार रुपये और 500 रुपये के नोटों को बंद कर दिया गया, जिसके चलते मौजूदा ‘‘संकट’’ पैदा हुआ और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि प्रचलन में जो नोट हैं उनका करीब 84 से 86 फीसदी हिस्सा उन नोटों का है जिन्हें बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि इन्हें अचानक बंद किए जाने से ही ‘‘मौजूदा संकट’’ पैदा हुआ.

उन्होंने कहा, ‘‘एक अनुभवी प्रशासक का यह उचित फैसला नहीं है.’’ विजयन ने कहा कि सहकारी क्षेत्र को पैसे जमा करने और एक हजार रुपये और 500 रुपये के नोट को बदलने की अनुमति नहीं दी जा रही जिसके कारण ‘‘गहरा संकट’’ पैदा हो गया है. उन्होंने इसे भाजपा के ‘‘दुष्प्रचार’’ का नतीजा बताया.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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