नोटबंदी : बैंक कतार में बुजुर्ग की मौत, 50 लाख मुआवजे की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा परिवार

नोटबंदी : बैंक कतार में बुजुर्ग की मौत, 50 लाख मुआवजे की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा परिवार

प्रतीकात्मक फोटो.

खास बातें

  • 70 साल के सियाराम की दो दिन बैंक की लाइन में लगने पर हुई मौत
  • सियाराम के बेटे कन्हैयालाल ने दाखिल की याचिका
  • सरकार से पचास लाख रुपये के मुआवजे की मांग की गई
नई दिल्ली:

नोटबंदी के कारण हुई मौत का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. तीन दिनों तक सिर्फ 15 सौ रुपये बदलवाने के लिए 70 साल के सियाराम बैंक की लाइन में लगे रहे लेकिन आखिरकार वे गिर पड़े और उनकी मौत हो गई. अब सियाराम का बेटा मोदी सरकार से इस मौत का हिसाब मांगने सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है.

याचिका में सरकार से 50 लाख रुपये का मुआवजा भी दिलाने की मांग की गई है. हाथरस के खोड़ा गांव में रहने वाले कन्हैया लाल ने याचिका में कहा है कि उसके पिता सियाराम के पास 1500 रुपये थे और वे 15 और 16 नवंबर को बैंक की लाइन में लगे लेकिन रुपये नहीं बदले. 17 नवंबर को वे फिर लाइन में लगे लेकिन दोपहर 3.30 बजे वे गिर पड़े और उनकी मौत हो गई.

याचिका में कहा गया है कि हाथरस की जनसंख्या करीब पांच लाख है और वहां 40 बैंक भी हैं, लेकिन सरकार ने रुपये बदलवाने के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं किया जिसकी वजह से सियाराम की मौत हुई.

याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट इस मौत के मामले में मुआवजे के तौर पर 50 लाख रुपये दिलाए और यह भी सुनिश्चित कराए कि नोटबंदी के बाद लोगों को दिक्कत न हो.


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