यह ख़बर 23 अप्रैल, 2011 को प्रकाशित हुई थी

CWG घोटाला : सीबीआई आरोपपत्र दायर करने में रही विफल

खास बातें

  • सीबीआई ने कहा था कि बख्शी ने ठेका हासिल करने के लिए आयोजन समिति के अधिकारियों को भारी रिश्वत दी थी।
नई दिल्ली:

दिल्ली की एक अदालत ने साज-सज्जा उपकरण खरीद घोटाले में राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति के एक अधिकारी और एक निजी फर्म के निदेशक को जमानत दे दी क्योंकि सीबीआई निर्धारित 60 दिन की अवधि के भीतर उनके खिलाफ आरोपपत्र दायर करने में विफल रही। विशेष न्यायाधीश संजीव जैन ने राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति के अतिरिक्त महानिदेशक केयूके रेड्डी और ईएसजेएवी (डी आर्ट) इंडो कंसॉर्टियम फर्म के निदेशक को 50 हजार रुपये के निजी मुचलके और 50 हजार रुपये की दो जमानत राशि पर उन्हें जमानत दे दी। रेड्डी और बख्शी को गत 22 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था और अदालत ने आरोपपत्र दायर करने के लिए 60 दिनों की अनिवार्य अवधि के बीत जाने के मद्देनजर उन्हें जमानत दे दी। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि मामले में उसकी जांच चल रही है और उनके खिलाफ आरोपपत्र दायर करने के लिए कुछ और समय की आवश्यकता है। एजेंसी ने इससे पहले कहा था कि वह आरोपपत्र तैयार कर रही है। सीबीआई ने कहा था कि बख्शी ने ठेका हासिल करने के लिए आयोजन समिति के अधिकारियों को भारी रिश्वत दी थी।


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