महाराष्ट्र सरकार डांस बार पर पाबंदी के पक्ष में है : मुख्यमंत्री फडणवीस

महाराष्ट्र सरकार डांस बार पर पाबंदी के पक्ष में है : मुख्यमंत्री फडणवीस

महाराष्ट्र सरकार ने डांस बार को वैश्यावृत्ति का ठिकाना बताया है

मुंबई:

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद महाराष्ट्र में डान्स बार शुरू होने के आसार कम ही हैं। राज्य की बीजेपी सरकार ने अपना यही रुख़ साफ कर दिया है। अपनी पुरानी भूमिका को बरकरार रखते हुए मौजूदा बीजेपी सरकार भी राज्य में डान्स बार शुरू होने के पक्ष में नहीं। सूबे के मुखिया देवेन्द्र फडणवीस ने संवाददाताओं से बात करते हुए साफ़ कहा है कि उनकी सरकार डान्स बार पर पाबन्दी के पक्ष में है।

बता दें कि महाराष्ट्र में डांस बार पर प्रतिबंध लगाने वाले विवादास्पद कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। कई महिलाओं के लिए रोज़ी रोटी का साधन यह डांस बार काफी समय से राज्य में बहस का मुद्दा रहे हैं जहां सरकार ने इन जगहों को वेश्यावृत्ति का ठिकाना करार दिया है। कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि बार में डांस करने से उनकी गरिमा पर किसी तरह की चोट न पहुंचे।

2005 में पुलिस ने राज्य के डांस बार पर कड़ी कार्यवाही की थी जिसमें पांच सितारा होटलों को छोड़ दिया गया था। 2013 में उच्चतम न्यायालय ने डांस बार को जारी रखने का आदेश दिया था लेकिन महाराष्ट्र विधानसभा ने जून 2014 में इन बारों पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक कानून पारित कर दिया। सभी राजनीतिक पार्टियां इस मामले में एकमत थीं और बिना किसी आपत्ति के इस कानून को पास कर दिया गया था।

पुराने कानून की जगह नया कानून

लेकिन रेस्त्रां मालिकों ने इस कानून को यह कहकर चुनौती दी कि जब एक साल पहले कोर्ट ने बार में डांस करने पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून को खारिज कर दिया था तो फिर राज्य सरकार एक बार फिर बार पर रोक लगाने के लिए नया कानून कैसे ला सकती है। कोर्ट ने माना कि उसने ऐसे ही एक प्रावधान को रद्द किया था लेकिन कानून को एक बार फिर नए तरीके से लाया गया है। इस मामले की अगली सुनवाई 5 नवंबर को होगी।

महाराष्ट्र में ऐसे करीब 700 ठिकाने हैं जहां 75 हज़ार से ज्यादा महिलाएं बॉलीवुड गानों पर नाचकर और टिप लेकर गुज़र बसर करती हैं। डांसर यूनियन ने इस प्रतिबंध का यह कहते हुए विरोध किया था कि नाचने पर प्रतिबंध लगाने की वजह से कई महिलाएं वेश्यावृत्ति को अपनाने के लिए मजबूर हो जाएंगी।

कोर्ट के इस फैसले पर खुशी जताते हुए डांस  बार समिति के अध्यक्ष भरत सिंह ठाकुर ने एनडीटीवी से कहा 'हम हमेशा से ही महिलाओं की गरीमा का ध्यान रखते आए हैं। हम 1997 से डांस बार चला रहे हैं और हमारे खिलाफ आज तक किसी तरह की फूहड़पन की शिकायत नहीं आई है।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

वहीं डान्स बार मालिक मनजीत सिंग सेठी ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि अगर सरकार इस बार भी कोर्ट का आदेश नहीं मानती तो उस के खिलाफ अवमानना की याचिका करने का रास्ता खुला है। इस के चलते मुम्बई में डान्स बार शुरू करने को लेकर सरकार और बार मालिक आमने सामने आ चुके हैं।