यह ख़बर 01 सितंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

संयुक्त परिवार से अलग रहने के लिए डीडीए के फ्लैट

नई दिल्ली:

गोद में चार साल के बच्चे को लेकर गीता कॉलोनी से सुनीता डीडीए के विकास सदन फॉर्म लेने पहुंची हैं। भीड़ ज्यादा है, लिहाजा हिम्मत जवाब दे गई, लेकिन इस उम्मीद में वह फिर से लाइन में लग गई कि फॉर्म भरेंगी तो हो सकता है कि डीडीए के फ्लैट की चाभी उन्हें मिल जाए।

वह कहती हैं कि फिलहाल संयुक्त परवार में रहती है, अगर फ्लैट निकला तो अपने पति और बच्चे के साथ अलग रह सकती है। 25 हज़ार डीडीए फ्लैट्स में से 22600 फ्लैट्स एलआईजी हैं। इनकी कीमत भी 14 से 20 लाख रुपये तक है। लिहाजा छोटी आय के बड़े सपने लिए लोग इन फॉर्म को लेकर अपनी किस्मत अजमाना चाहते हैं।

इन्ही लाइनों में सरकारी कर्मचारी अजीत खड़े हैं। डीडीए स्कीम में पहले भी तीन बार अपनी किस्मत अजमा चुके हैं, लेकिन फ्लैट की चाभी हाथ नहीं लगी। इस बार उम्मीद है कि रिटायरमेंट के दो साल बचे हैं, लेकिन किस्मत दगा नहीं देगी।

सोमवार को डीडीए के 25,034 फ्लैट्स की स्कीम को वाइस चेयरमैन बलविंदर कुमार ने लॉन्च कर दिया। इसकी वेबसाइट भी उन्होंने शुरू की, लेकिन हर सेकेंड के साथ 10 हज़ार लोगों की हिट मिलते ही घंटेभर बाद डीडीए की वेबसाइट ही क्रैश हो गई।

बैंकों में छाया रहा सन्नाटा

13 निजी और सरकारी बैंकों के जरिए फॉर्म मिलने से लेकर भर कर भेजने की सुविधा है, लेकिन पहले दिन फार्म बैंकों में पहुंचे ही नहीं लिहाजा सारी भीड़ डीडीए के विकास सदन के काउंटर में उमड़ पड़ी। हालांकि डीडीए का साफ कहना है कि बैंकों के ज़रिए ही फॉर्म और पैसा भरा जा सकता है।

डीडीए सीधे तौर पर फार्म नहीं लेगा, लेकिन इसके बावजूद डीडीए कर्मचारियों से पूछताछ करने वालों की कमी नहीं थी।
पूरे देश में डीडीए के फ्लैट्स के लिए आवेदन आने की संभावना है। डीडीए के अधिकारी कहते हैं कि 25 हज़ार फ्लैट्स के लिए 20 लाख से ज्यादा आवेदन आ सकते हैं। डीडीए ने फिलहाल 15 लाख ब्रॉशर और फॉर्म छपवाया है। कम पड़ने पर और छपवाया जाएगा।

डीडीए के फ्लैट्स के बारे में धारणा है कि वह सस्ते होते हैं और बेचने पर अच्छी कीमत मिलती है। इसी के चलते हर शख्श अपनी किस्मत अजमा लेना चाहता है। इस बार द्वारका, रोहणी और मुखर्जी नगर जैसे इलाकों में बने फ्लैट्स की डिमांड ज्यादा है, लेकिन नरेला और मेतियाखान जैसी जगहों पर कम ही लोग फ्लैट्स लेने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

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इसके बाद डीडीए की योजना है कि 2016 में 29 हज़ार फ्लैट्स के ड्रॉ निकालने की। तो इस ड्रॉ में अगर आपको फ्लैट मिल गया तो आप अपनी किस्मत को चमका मान लीजिएगा। ड्रॉ में फ्लैट नहीं निकला तो इस मुहावरे पर गौर करिएगा कि किस्मत से ज्यादा और वक्त से पहले किसी को कुछ नहीं मिलता है।