हिट एंड रन मामला: सलमान खान ने शराब नहीं पी थी, अदालत में बचाव पक्ष का दावा

सलमान खान की फाइल फोटो

मुंबई:

अभिनेता सलमान खान ने उस रात शराब नहीं पी थी। सलमान की सुरक्षा में तैनात सिपाही रविन्द्र पाटिल ने भी अपने पहले बयान में शराब का जिक्र नहीं किया था। सलमान शराब पिए हुए थे ये बात उसके बाद के बयान में आई। पुलिस ने ऐसा जानबूझकर किया। मुख्य जांच अधिकारी ने बड़े अफसरों को खुश करने के लिए किया और शराब की कहानी गढ़ी ताकि सलमान पर धारा 304(2) लगाई जा सके।

मामले में आरोपी सलमान खान के वकील श्रीकांत शिवदे ने बुधवार को अदालत में एक एक कर पुलिस की कहानी में कई खामियां गिनाई। बचाव पक्ष ने ये भी दावा किया कि उस रात होटल में सलमान खान ने होटल में शराब परोसने के लिए कहा ही नहीं था। उनके दोस्त ने ऑर्डर दिया था, ऐसा खुद एक गवाह ने बयान दिया है। पुलिस ने शराब का फर्जी बिल बनवाया। यहां तक कि केमिकल एनालिस्ट की रिपोर्ट भी गढ़ी गई है।

बचाव पक्ष ने ये भी सवाल उठाया कि सलमान खान का फिंगर प्रिंट क्यों लिया गया था जब उसे सबूत के तौर पर नहीं दिखाना था। सलमान के वकील के मुताबिक फिंगर प्रिंट रिपोर्ट पुलिस के पक्ष में नहीं थी इसीलिए रिपोर्ट को अदालत के सामने नहीं लाया गया।

जे डब्लू मैरियट में वैले पार्किंग टैग के ग़ुम होने और सलमान खान की गाड़ी उस रात जिस वैले ड्राईवर ने पार्क की थी, उसका बयान ना लेने पर भी सवाल उठाते हुए बचाव पक्ष ने दावा किया कि पुलिस की जांच में शुरू से ही कई ख़ामियां थी।

मसलन पुलिस सिपाही रविन्द्र पाटिल ने अपने बयान में कहा है कि जे डब्लू मैरीयट में जब सलमान ड्राईवर सीट पर थे तो मैंने उनसे पूछा कि क्या गाड़ी आप चलाने वाले हैं? बचाव पक्ष ने तर्क दिया है कि रविन्द्र पाटिल ने ऐसा अपने बयान में कहीं नहीं कहा है कि सलमान नशे में थे इसीलिए उसने ऐसा पूछा था। उसने ये सवाल सलमान से इसलिये किया था क्योंकि गाड़ी चलाने के लिए ड्राईवर मौजूद था।

रेन बार के जो बिल कोर्ट में बतौर सबूत जमा किया गए हैं वो फ़र्ज़ी हैं। इस केस के मुख्य जांच अधिकारी किशन शेंगाल ने उसमे छेड़छाड़ की है।

मन्नू खान नाम के चश्मदीद और ज़ख़्मी गवाह ने कोर्ट को बताया है कि उसका मजिस्ट्रेट के सामने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत जो बयान दर्ज़ कराया था उस दौरान पुलिस ने उसका लिखित बयान मजिस्ट्रेट को दिखाया और बाद में उसपर उसके दस्तख़त लिए। गवाह ने कहा है कि उसे पता नहीं था कि उस स्टेटमेंट में बातें लिखी हुई हैं वो सही हैं या गलत।

बचाव पक्ष के मुताबिक सरकारी पक्ष ने ना ऐसा कोई सबूत पेश किया और ना ही किसी गवाह ने सीधे तौर पर कहा है कि सलमान ने वारदात की रात शराब पी रखी थी। इस केस के पहले जांच अधिकारी ने अपने बयान में कहा है कि उनके जांच छोड़ने तक सलमान गिरफ्तार नहीं हुए थे। लेकिन सलामन गिरफ्तार 28 तारीख को सुबह 11 बजे हुए और पहले जांच अधिकारी ने जांच 29 तारीख को छोड़ा। फिर जांच अधिकारी ने ये बात कोर्ट से क्यों छिपायी।

सलमान के वकील के मुताबिक वो सलमान खान के खून के स्टोरेज और दूसरे सवालों के जवाब नहीं देना चाहते थे इसीलिए ऐसा कहा।

इतना ही नहीं जेजे अस्पताल में सलमान के आने का वक़्त 2.25 लिखा गया है और निकलने का वक़्त 2.30 लिखा गया है। डॉक्टर के बयान के मुताबिक इन पांच मिनट में सलमान का बीपी भी चेक कर लिया गया, रेस्पिरेटरी टेस्ट किया गया, खून निकाला गया और सलमान को चला कर भी देख लिया गया। पांच मिनट में ये सारे टेस्ट संभव नहीं हैं। सलमान के ये टेस्ट हुए ही नहीं थे। बचाव पक्ष का आरोप है कि डॉक्टर ने झूठ बोला है।

सलमान हिट एन्ड रन मुक़दमा अपने अंतिम दौर में है। बचाव पक्ष की जिरह के बाद अदालत फैसले की तारीख मुक़र्रर कर सकती है। सलमान खान पर आरोप है कि साल 2002 में शराब के नशे में उन्होंने बांद्रा में फुटपाथ पर सो रहे मजदूरों पर गाड़ी चढ़ा दी थी। उस हादसे के 1 मजदूर की मौत हो गई थी और 4 जख्मी हुए थे।


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