यह ख़बर 05 जनवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

दिल्ली गैंगरेप मामले में सोमवार को कोर्ट में पेश किए जाएंगे आरोपी

खास बातें

  • दिल्ली गैंगरेप मामले में दायर चार्जशीट पर आज सुनवाई हुई और मजिस्ट्रेट ने सभी आरोपियों को अपने समक्ष पेश होने के लिए समन जारी किया। सोमवार को सभी आरोपी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए जाएंगे और तभी इन आरोपियों को चार्जशीट की एक−एक कॉपी दी जाएगी।
नई दिल्ली:

दिल्ली गैंगरेप मामले में दायर चार्जशीट पर आज सुनवाई हुई और मजिस्ट्रेट ने सभी आरोपियों को अपने समक्ष पेश होने के लिए समन जारी किया। सोमवार को सभी आरोपी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए जाएंगे और तभी इन आरोपियों को चार्जशीट की एक−एक कॉपी दी जाएगी।

इसके बाद सभी आरोपियों को अपना केस लड़ने के लिए वकील करने का वक्त दिया जाएगा, अगर वह वकील का इंतजाम नहीं कर पाए, तो कोर्ट उनको वकील देगा। इसके बाद मजिस्ट्रेट इस केस को सेशन्स कोर्ट को सौंप देंगे और फिर सेशन्स कोर्ट इस केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में भेजेगा। यहां केस का जिम्मा स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर को दे दिया जाएगा।

23-वर्षीय छात्रा से हुए गैंगरेप के मामले में दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को पांच आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दाखिल कर दिया। पीड़ित की मौत हो जाने के चलते इसमें आरोपियों को फांसी के फंदे तक पहुंचाने वाले हत्या के आरोप सहित कई आरोप लगाए गए हैं। इस वीभत्स घटना के बाद देशभर में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुआ है।

छात्रा की 29 दिसंबर को सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी। उसके साथ 16 दिसंबर को एक चलती बस में सामूहिक बलात्कार किया गया था और उसे बर्बरता से पीटा भी गया था। आरोप पत्र में इस मामले के आरोपी राम सिंह, उसके भाई मुकेश और साथी पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत हत्या, बलात्कार, हत्या का प्रयास, अपहरण, डकैती, लूट के लिए मारपीट, साक्ष्य नष्ट करने, आपराधिक साजिश रचने जैसे आरोप लगाए गए हैं।

इस मामले में छठा आरोपी नाबालिग है और किशोर न्याय बोर्ड में उसके खिलाफ मुकदमा चलेगा। दिल्ली पुलिस ने 33 पृष्ठों के इस आरोप पत्र में नाबालिग आरोपी की भूमिका का भी जिक्र किया है।

पुलिस ने कई दस्तावेजों के साथ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सूर्य मलिक ग्रोवर की अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। अभियोजन पक्ष ने अदालत से अनुरोध किया कि इस दस्तावेज को बंद लिफाफे में रखा जाए, ताकि पीड़ित की पहचान जाहिर नहीं हो और मामले की कार्यवाही अदालत के बंद कमरे में हो। अभियोजन पक्ष ने दलील दी कि इस वारदात को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया।

अभियोजन पक्ष ने कहा, वारदात को अंजाम देने में प्रत्येक आरोपी ने एक खास भूमिका निभाई, इसलिए वे अपराध के लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं।

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(इनपुट भाषा से भी)