यह ख़बर 28 दिसंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

दिल्ली सामूहिक बलात्कार पीड़िता की हालत और बिगड़ी

खास बातें

  • सिंगापुर के सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती दिल्ली में वीभत्स सामूहिक बलात्कार की पीड़ित 23 वर्षीय छात्रा की हालत और बिगड़ गई है और शुक्रवार की रात उसके महत्वपूर्ण अंगों के निष्क्रिय होने के संकेत मिले।
सिंगापुर:

सिंगापुर के सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती दिल्ली में वीभत्स सामूहिक बलात्कार की पीड़ित 23 वर्षीय छात्रा की हालत और बिगड़ गई है और शुक्रवार की रात उसके महत्वपूर्ण अंगों के निष्क्रिय होने के संकेत मिले। वहीं, इस खबर के बाद दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

माउंट एलिजाबेथ अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी केल्विन लोह ने जारी एक बयान में कहा, ‘रात के नौ बजे (भारतीय समयानुसार शाम साढ़े छह बजे) मरीज की स्थिति और बिगड़ गई है। उसके महत्वपूर्ण अंगों के निष्क्रिय होने के संकेत मिल रहे हैं।’’

मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा, ‘‘ऐसा इसके बावजूद हुआ है कि चिकित्सक उसकी जिंदगी बचाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। वे उसे अधिकतम कृत्रिम श्वास प्रणाली पर रख रहे हैं। इसके साथ ही उसे सर्वोत्कृष्ट एंटीबायटिक्स खुराक और शक्तिवर्धक दवाएं दे रहे हैं ताकि उसके शरीर में संक्रमण से लड़ने की क्षमता को अधिकतम किया जा सके।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उसके परिवार के सदस्यों को इस बात की सूचना दे दी गई है कि उसकी हालत और बिगड़ गई है तथा वे मरीज का हौंसला बढ़ाने के लिए उसके पास ही हैं।’’ बयान में कहा गया है कि अस्पताल का चिकित्सीय दल पीड़िता को सभी संभव इलाज और देखभाल मुहैया करा रहा है।

पीड़ित लड़की को विशेष इलाज के लिए सफदरजंग अस्पताल से हवाई एंबुलेंस से सिंगापुर लाया गया था। उन्होंने बताया कि इस नाजुक घड़ी में भारतीय उच्चायोग उसके और उसके परिवार के साथ हैं।

राजधानी दिल्ली में गत 16 दिसम्बर को छात्रा के साथ चलती बस में सामूहिक बलात्कार हुआ था। इसके अलावा उसके साथ बेरहम तरीके से मारपीट भी की गई थी। इसके खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए। इसके मद्देनजर सरकार ने उसे हवाई एंबुलेंस के जरिये मल्टी ऑर्गन ट्रांसप्लांट स्पेशिएलिटी अस्पताल पहुंचाया। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उसकी तीन बार शल्यक्रिया की गई।
अस्पताल में इलाज के दौरान उसे वेंटीलेटर पर ही रखा गया था। चिकित्सकों ने उसकी आंत के अधिकतर हिस्सों को निकाल दिया था।

इससे पहले दिन में अस्पताल में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। गहन चिकित्सा कक्ष में प्रवेश से पहले प्रत्येक आगंतुक की जांच की जा रही थी। पीड़िता छात्रा के साथ ही गए उसके पिता ने कहा कि उन्हें इस बात का भरोसा है कि उनकी पुत्री के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास किए जा रहे हैं।

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भारतीय उच्चायोग ने परिवार को एक सम्पर्क अधिकारी मुहैया कराया है। भारत सरकार ने लड़की को यहां स्थानांतरित करने के निर्णय को ‘विशुद्ध रूप से चिकित्सीय निर्णय’ बताया है जो कि चिकित्सकों द्वारा किया गया है।