यह ख़बर 10 जनवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

दिल्ली गैंगरेप : ‘हमारी बेटी के दोस्त ने आखिर कौन-सी बहादुरी दिखाई’

खास बातें

  • दिल्ली गैंगरेप पीड़िता के पिता ने कहा, एक चैनल हमारी बेटी के मित्र को वीरता पुरस्कार दिलाने को लेकर मुहिम चला रहा है, लेकिन मैं पूछता हूं कि आखिर उसने बहादुरी का कौन-सा काम किया है।
बलिया:

दिल्ली गैंगरेप पीड़िता के परिवार ने वारदात की शिकार हुई अपनी बेटी के दोस्त को वीरता पुरस्कार दिए जाने को लेकर कथित रूप से चलायी जा रही मुहिम का विरोध करते हुए कहा कि उस लड़के ने अगर साहस दिखाया होता तो हालात जुदा भी हो सकते थे।

लड़की के पिता ने कहा, एक समाचार चैनल हमारी बेटी के मित्र को वीरता पुरस्कार दिलाने को लेकर मुहिम चला रहा है, लेकिन मैं पूछता हूं कि आखिर उसने बहादुरी का कौन-सा काम किया है। उन्होंने कहा,  लड़के ने अगर वारदात स्थल बनी उस बस का शीशा खोलकर शोर मचाया होता तो हालात बदल भी सकते थे। वह लड़का मीडिया को दिए साक्षात्कार में पहले ही कह चुका है कि उसके सिर पर लोहे की छड़ से वार किया गया था और वह बेहोश हो गया था। ऐसे में कैसी वीरता। बहरहाल, उन्होंने कहा कि उनकी बेटी को जरूर वीरता पुरस्कार दिया जाना चाहिए क्योंकि उसने दरिंदों से संघर्ष किया।

लड़की के पिता ने दिल्ली पुलिस का बचाव करते हुए कहा कि गत 16 दिसम्बर को दिल्ली की चलती बस में उनकी बेटी के साथ हुई वारदात के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराने में पुलिस ने लापरवाही नहीं की थी। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी ने भी अस्पताल में कभी उनसे पुलिस द्वारा लापरवाही बरते जाने की बात नहीं कही थी।

लड़की के पिता ने बताया कि दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने बुधवार को उनसे टेलीफोन पर बातचीत की। बातचीत हाल-चाल लेने और आर्थिक सहयोग को लेकर रही।

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इस बीच, प्रदेश के राजस्व मंत्री अम्बिका चौधरी ने बताया कि परसों लड़की की 13वीं है और उस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी आ सकते हैं।