कार्यकारी मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर फिर आमने-सामने दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

दिल्ली की कार्यकारी मुख्य सचिव बनाए जाने के मुद्दे पर एक बार फिर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल आमने- सामने हैं। उपराज्यपाल की अनुमति से शुक्रवार को ऊर्जा सचिव शकुंतला गैमलिन को कार्यकारी मुख्य सचिव का अतिरिक्त कार्यभार सौंपने का ऑर्डर निकाला गया है, जबकि सूत्रों के मुताबिक दिल्ली सरकार इस फ़ैसले से खुश नहीं हैं।

अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने गैमलिन पर निजी बिजली कंपनियों से साठ- गांठ का आरोप लगाते हुए उनकी नियुक्ति पर सख्त एतराज़ जताया है। दिल्ली सरकार ने प्रेस रिलीज जारी कर उपराज्यपाल पर भी निशाना साधते हुए कहा कि शकुंतला को कार्यकारी मुख्य सचिव नियुक्त करने के मामले में उपराज्यपाल ने चुनी हुई सरकार को दरकिनार किया है और उपराज्यपाल ने असंवैधनिक तरीके से शकुंतला की नियुक्ति की है।

दिल्ली सरकार के मीडिया सलाहकार नागेंद्र शर्मा कहते हैं कि जब शकुंतला बी गैमलिन का नाम ही नहीं भेजा गया, तो आखिर कैसे उपराज्यपाल ने उनको इस पद पर नियुक्त कर दिया।

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने कार्यकारी मुख्य सचिव पद के लिए नैनी जयसीलन, अरविंद रे और एसके सिंह के नाम उपराज्यपाल के पास भेजे थे। लेकिन उपराज्यपाल ने इन नामों को दरकिनार करते हुए शकुंतला को मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया।

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गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्य सचिव के के शर्मा दस दिनों की छुट्टी पर अमेरिका गए हैं, जिसके बाद कार्यकारी मुख्य सचिव की नियुक्ति जरूरी थी। सूत्रों के मुताबिक़ दिल्ली सरकार उपराज्यपाल से आर पार की लड़ाई के मूड में है।