यह ख़बर 05 फ़रवरी, 2014 को प्रकाशित हुई थी

हाईकोर्ट ने विदेशी चंदे के मुद्दे पर 'आप', इसके नेताओं से जवाब मांगा

नई दिल्ली:

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक याचिका पर आम आदमी पार्टी (आप) और अरविंद केजरीवाल सहित इसके संस्थापक सदस्यों से जवाब देने को कहा है। याचिका में इस आधार पर आपराधिक मामला दर्ज करने का आग्रह किया गया है कि नवगठित पार्टी ने कथित तौर पर कई कानूनों का उल्लंघन कर विदेशी चंदा हासिल किया।

न्यायमूर्ति प्रदीप नंदराजोग की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, इस रिट याचिका की एक प्रति प्रशांत भूषण को दी जानी चाहिए, जो आम आदमी पार्टी की ओर से पेश हुए। सुनवाई की अगली तारीख 28 फरवरी से चार दिन पहले जवाब दायर किया जाना चाहिए।

भूषण ने नोटिस को स्वीकार किया और गृह मंत्रालय द्वारा पूर्व में दिए गए इस बयान का कड़ा विरोध किया कि पार्टी और इसके नेताओं ने विदेशी चंदे से संबंधित सवालों पर जवाब नहीं दिया है। याचिका में 'आप' के अतिरिक्त भूषण को भी एक पक्ष बनाया गया है। उन्होंने कहा, केंद्र की ओर से पेश वकील ने सनुवाई की पिछली तारीख पर गुमराह करने वाला बयान दिया कि हमने सवालों का उत्तर नहीं दिया है। भूषण ने कहा, प्रत्येक और हरेक सवाल का विस्तार से जवाब दे दिया गया है।

गृह मंत्रालय की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राजीव मेहरा ने कहा, मैंने यह नहीं कहा था कि वे (आप) सूचना मुहैया नहीं करा रहे हैं। मैंने कहा था कि बैंक ब्योरे से संबंधित सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई। पीठ ने कहा, आपने वह कहा था। अदालत ने मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 28 फरवरी निर्धारित की। केंद्र ने पूर्व में अदालत को बताया था कि केजरीवाल सहित 'आप' नेताओं ने पार्टी को मिले चंदे पर मांगी गई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई।

केजरीवाल और भूषण के अतिरिक्त याचिकाकर्ता अधिवक्ता एमएल शर्मा ने 'आप' नेताओं मनीष सिसौदिया और शांति भूषण को भी पक्ष बनाया है। पीठ ने पूर्व में शर्मा से अपनी जनहित याचिका में 'आप' को भी एक प्रतिवादी बनाने को कहा था। उच्च न्यायालय ने कहा था कि केंद्र को 'आप' द्वारा हासिल किए गए धन का स्रोत पता लगाने के लिए इसके खातों को नए सिरे से देखना चाहिए।


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