राहुल गांधी के घर पहुंची दिल्ली पुलिस, कांग्रेस ने लगाया राजनीतिक जासूसी का आरोप

नई दिल्ली:

शनिवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह के घर के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जोरदार हंगामा किया। कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि दिल्ली पुलिस राहुल गांधी की जासूसी कर रही है। कांग्रेस का कहना कि दिल्ली पुलिस के एक एएसआई शमशेर सिंह ने राहुल गांधी के घर आकर उनसे जुड़े कई निजी सवाल पूछे जैसे राहुल गांधी कैसे जूते और कपड़े पहनते हैं, उनके करीबी दोस्त कौन हैं, उनकी कद काठी कैसी है।

कांग्रेस ने राहुल गांधी की 'जासूसी और निगरानी' के मुद्दे को संसद में उठाने की घोषणा करते हुए इस मुद्दे पर गृहमंत्री और प्रधानमंत्री से व्यापक स्पष्टीकरण की मांग की और पुलिस के इस दावे को खारिज किया कि यह प्रकरण महज एक सुरक्षा का मुद्दा है।

कांग्रेंस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया कि ये केंद्र सरकार के इशारे पर हो रहा है। सिंघवी ने घटनाक्रम का ब्यौरा देते हुए कहा कि इस तरह की जासूसी पहले 'गुजरात में संपन्न' हो चुकी है।

उन्होंने कहा, 'इस तरह की राजनीतिक जासूसी, निगरानी, राजनीतिक विरोधियों के जीवन में इस तरह की घुसपैठ, यह गुजरात मॉडल हो सकता है। यह भारत का मॉडल नहीं है। ट्रैक रिकार्ड यह दर्शाता है कि यह गुजरात में संपन्न मॉडल है, खासकर राजनीतिक विरोधियों, न्यायधीशों, पत्रकारों और निजी व्यक्तियों के लिए...'

सिंघवी ने कहा, 'हम सरकार पर आरोप लगा रहे हैं और इस तरह के व्यवहार की निंदा कर रहे हैं। यह सिर्फ कांग्रेस के लिए और राहुल गांधी के लिए विशेष नहीं है बल्कि सामान्य तौर पर सभी राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ है।  

सिंघवी ने घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ दिनों पहले तुगलकरोड थाने से नहीं, बल्कि दिल्ली पुलिस मुख्यालय से दिल्ली पुलिस के एक सहायक उप निरीक्षक शमशेर सिंह को जासूसी करते, गैरजरूरी और अजीब पूछताछ करते और कांग्रेस उपाध्यक्ष के आवास के आसपास घूमते पाया गया। सिंघवी ने इसे महज दिल्ली पुलिस से जुड़ा मुद्दा मानने से इनकार किया और इसे एक गंभीर राष्ट्रीय मुद्दा बताया। उन्होंने इसकी तुलना गुजरात के कथित फोन टैपिंग की घटना से की और कहा कि यह ऐसा मामला है, जिसके खिलाफ सभी दलों को खड़ा होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कोई कानून इस तरह की प्रक्रिया कि इजाजत नहीं देता। उन्होंने बीजेपी के उस दावे को हास्यास्पद बताते हुए खारिज किया कि यह दिल्ली पुलिस द्वारा कोई सुरक्षा सर्वेक्षण हो सकता है। सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को संसद सहित सभी मंचों पर उठाएगी।

इस कथित जासूसी के पीछे की मंशा के बारे में पूछे जाने पर सिंघवी ने कहा कि वह यहां अटकलें लगाने के लिए नहीं हैं लेकिन झट से जवाब दिया 'राजनीतिक जासूसी इसलिए नहीं होता, क्योंकि आप राजनीतिक विरोधियों से हाथ मिला रहे हैं या उनके साथ भोजन किया है।

वहीं इन आरोपों के बाद पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी सामने आए, उन्होंने सफाई दी कि स्पेशल ब्रांच के एएसआई शमसेर सिंह और तुगलक रोड थाने के बीट कांस्टेबल रामेश्‍वर दयाल राहुल गांधी के घर गए जरूर थे, लेकिन किसी गलत मंशा से नहीं। कमिश्नर का कहना है कि दिल्ली पुलिस वीआईपी लोगों की सुरक्षा को देखते हुए उनसे समय-समय पर एक तरह का परफोर्मा भरवाती है। राहुल गांधी के अलावा ऐसे 67 और वीआईपी हैं जिनसे ऐसी ही जानकारी ली गई।

एनडीटीवी के पास राहुल गांधी के यहां छोड़ा गया प्रोफोर्मा भी है। इसमें उनकी कद काठी, रंग-रूप, कोई शारीरिक कमी, आंखों का रंग, शरीर पर कोई निशान जैसी जानकारी के अलावा वह कैसे कपड़े एवं जूते पहनते हैं और उनके करीबी दोस्तों की जानकारी भी मांगी जाती हैं।

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इस बारे में सवाल किए जाने पर पुलिस कमिश्नर ने हालांकि माना कि वक्त के साथ प्रोफोर्मा में कुछ बदलाव की जरूरत हैं। (एजेंसी इनपुट के साथ)