यह ख़बर 21 अप्रैल, 2013 को प्रकाशित हुई थी

बच्ची से बलात्कार : लगातार दूसरे दिन गुस्से में दिखी राजधानी

खास बातें

  • पांच साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म व बर्बरता की घटना के विरोध में लगातार दूसरे दिन रविवार को भी राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर गुस्से की लहर देखी गई।
नई दिल्ली:

पांच साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म व बर्बरता की घटना के विरोध में लगातार दूसरे दिन रविवार को भी राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर गुस्से की लहर देखी गई। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी के आवास के बाहर लगे बैरिकेड भीड़ के आक्रोश के निशाने पर रहे। लोगों ने सुरक्षा घेरे को तोड़ने की कोशिश की।

दुष्कर्म व बर्बरता की शिकार हुई पांच साल की बच्ची का इलाज कर रहे चिकित्सकों ने रविवार को बताया कि एक ऑपरेशन के बाद फिलहाल उसकी हालत 'स्थिर' है, संभव है कि अब उसका कोई और ऑपरेशन करने की जरूरत न पड़े।

बच्ची के साथ दुष्कर्म के कथित आरोपी मनोज (22) ने दूसरे व्यक्ति के भी शामिल होने का दावा किया, लेकिन पुलिस ने इसे नहीं माना। रविवार को उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

सुबह से ही शुरू हुआ प्रदर्शन शाम तक जारी रहा। प्रदर्शनकारियों ने रैलियां निकालीं, सड़क जाम किया, पुलिसकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की की व आए दिन बढ़ रही दुष्कर्म की घटनाओं को लेकर राजधानी के कई हिस्सों में नारेबाजी की और महिलाओं के लिए और बेहतर सुरक्षा की मांग की।

दुष्कर्म विरोधी प्रदर्शनों के बीच 11 वर्ष और 15 वर्ष की दो लड़कियों के साथ दुष्कर्म होने के दो अलग-अलग मामले प्रकाश में आए हैं।

सुबह से ही सैकड़ों लोग व्यस्ततम इलाके आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय के सामने जमा हो गए और कई लोग अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के बाहर धरने पर बैठ गए।

आईटीओ और 7, रेस कोर्स रोड स्थित प्रधानमंत्री आवास पर प्रदर्शन करने वाले अधिकांश लोग अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) से जुड़े थे तो 10 जनपथ स्थित सोनिया गांधी के सरकारी आवास के सामने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महिला इकाई ने प्रदर्शन किया।

पुलिस मुख्यालय में प्रवेश करने से रोकने पर प्रदर्शनकारी वहां की व्यस्त सड़कों पर बैठ गए जिससे यातायात जाम की स्थिति पैदा हो गई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के बीच शांति बनाए रखने की अपील वाले पर्चे बांटे, लेकिन वे या तो फेंक दिए गए या फिर उनकी चिंदियां उड़ती नजर आईं।

टस से मस होने से इनकार करने पर जब जबरन हटाने का प्रयास किया गया तब एएपी के कार्यकर्ताओं ने आईटीओ से इंडिया गेट की ओर जुलूस बना कर कूच किया जिससे यातायात व्यवस्था बुरी तरह ध्वस्त हो गई।

सोनिया के 10 जनपथ स्थित आवास के बाहर रविवार दोपहर सुरक्षाकर्मी तब भौंचक रह गए जब भाजपा की महिला मोर्चा की सैकड़ों कार्यकर्ता 'बहुत हो गया!' और 'बच्ची बचाओ' के नारे बुलंद करते पहुंच गए। महिलाओं ने दो सुरक्षा घेरे को तोड़ दिया।

जब उन लोगों ने तीसरे घेरे को तोड़ने का प्रयास किया तब पुलिस ने उन्हें घेरकर वहां पहले से खड़ी एक बस में बैठा दिया और संसद मार्ग थाने ले गई जहां से उन्हें वापस घर जाने दिया गया। 100 से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ता हिरासत में लिए गए।

शाम में एएपी के करीब 100 समर्थक प्रधानमंत्री के सरकारी आवास 7, रेसकोर्स के बाहर जमा हो गए। पुलिस ने करीब 40 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया और उन्हें तुगलक रोड थाने ले गई। जैसे ही सूर्यास्त हुआ, वैसे ही प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ने लगी।

निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए वामपंथी छात्र संगठनों और महिला संगठनों के सैकड़ों सदस्य इंडिया गेट पर जमा हो गए। ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) के एक सदस्य ने बताया, "हम जेएनयू (जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय) से इंडिया गेट तक मार्च करने के प्रयास में थे, लेकिन पुलिस ने हमें उद्योग भवन के पास रोक दिया।"

इंडिया गेट की तरफ बढ़ने से रोकने पर प्रदर्शनकारी वहीं धरना देकर बैठ गए और नारे बुलंद करने लगे। प्रदर्शनकारियों में ज्यादा संख्या महिलाओं की थी।

एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डीके शर्मा ने पीड़ित बच्ची के बारे में कहा, "उसकी हालत स्थिर है और वह तेजी से ठीक हो रही है।"

बच्ची के गुप्तांगों में गंभीर जख्मों को देखते हुए उसका कोई और ऑपरेशन किए जाने की आवश्यकता पर डॉ. शर्मा ने कहा, "अब, उसका कोई और ऑपरेशन नहीं किया जाएगा। हां, कुछ महीने के अंतराल के बाद ऑपरेशन किया जा सकता है.. लेकिन हम ऑपरेशन किए जाने की किसी तरह की जरूरत पर नजर बनाए रहेंगे।"

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एम्स में मरीजों को सरलता से प्रवेश करने एवं बाहर निकलने तथा एम्बुलेंस को आसानी से आने जाने के उद्देश्य से प्रदर्शनकारियों को एम्स से बाहर रोकने के लिए पुलिस ने मुख्यद्वार पर बैरिकेड लगा दिए थे।