दिल्ली के स्कूल ने फर्जी गरीबी प्रमाणपत्र के आधार पर हुए 60 दाखिले रद्द किए

नई दिल्ली:

गरीबी के नकली प्रमाणपत्रों के जरिये दिल्ली के बड़े प्राइवेट स्कूलों में EWS कोटे के तहत हुए दाखिलों पर अब गाज गिरने लगी है। पीतमपुरा स्थित बाल भारती पब्लिक स्कूल ने गुरुवार को ऐसे ही 60 बच्चों के दाखिले रद्द कर दिए, और स्कूल का कहना है कि ये दाखिले फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर करवाए गए थे। दूसरी ओर, इस कदम से नाराज़ अभिभावकों ने स्कूल पर ही धांधली का आरोप लगाया है।

नाराज़ अभिभावकों ने बाल भारती स्कूल के बाहर जमकर हंगामा किया और आरोप लगाया कि स्कूल ने अपने दलालों के जरिये उनसे पांच-पांच लाख रुपये लेकर दाखिला दिया था। अभिभावकों के अनुसार, इस मामले में गलती सरासर स्कूल की है, तथा उन्हें गुमराह किया गया है, क्योंकि वे अपने बच्चों का दाखिला सामान्य वर्ग (जनरल कैटेगरी) में ही करवाना चाहते थे, लेकिन स्कूल ने दाखिला EWS कैटेगरी में किया, और अब जांच के नाम पर बच्चों के दाखिले रद्द कर दिए हैं।

बहरहाल, बाल भारती पब्लिक स्कूल द्वारा पिछले दो-तीन सालों में किेए गए ये दाखिले रद्द किए जाने के कदम से दिल्ली के तमाम स्कूलों और अभिभावकों में बैचनी फैल गई है, और जानकारी मिली है कि स्कूल अब पिछले तीन से चार सालों के तमाम प्रमाणपत्रों की जांच करवा रहे हैं।

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कुछ महीने पहले स्वतःसंज्ञान लेकर एफआईआर दर्ज की थी, और जांच में पाया कि पिछले दो-तीन सालों में दिल्ली के 20 से भी ज़्यादा निजी स्कूलों में फर्जी गरीबी प्रमाणपत्रों के आधार पर करीब 300 दाखिले हुए हैं।

इस मामले में दिल्ली पुलिस चार लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें इनका मास्टरमाइंड मुकेश शर्मा भी शामिल था। बताया गया है कि इन्हीं चारों ने बाल भारती पब्लिक स्कूल में 60 से भी ज़्यादा फर्जी दाखिले करवाए थे। वैसे, अब तक इस मामले में कुच सात गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।

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इन लोगों ने बाल भारती पब्लिक स्कूल में इस तरह दाखिले करवाने के लिए प्रत्येक बच्चे के अभिभावक से तीन से पांच लाख रुपये लिए थे। वैसे, स्कूल का स्टाफ भी शक के दायरे में है।