डीयू के प्रोफेसर साईं बाबा को मिली ज़मानत, पिछले एक साल से थे जेल में बंद

दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जी.एन.साईं बाबा को बॉम्बे हाईकोर्ट से ज़मानत मिल गई है। प्रोफेसर साईं बाबा नक्सलियों की मदद के आरोप में पिछले एक साल से जेल में बंद थे, उनके बिगड़ते स्वास्थ्य के मद्देनज़र अदालत ने 50000 रुपए के मुचलके पर उन्हें तीन महीने की अस्थाई ज़मानत दी है।

बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश जस्टिस मोहित शाह और जस्टिस एस.बी.शुक्रे की खंडपीठ ने ये फैसला देते हुए कहा कि हमें लगता है कि अगर प्रोफेसर साईं बाबा को इलाज के लिए अस्थाई ज़मानत नहीं दी गई, तो उनकी ज़िंदगी ख़तरे में पड़ सकती है।

प्रोफेसर साईं बाबा पिछले एक साल से नागपुर जेल में बंद हैं। कोर्ट ने उनके स्वास्थय संबंधी एक रिपोर्ट को पढ़ने और सामाजिक कार्यकर्ता पूर्णिमा उपाध्याय के एक ख़त को पढ़ने के बाद इस मामले में स्वत संज्ञान लिया था। हालांकि, राज्य सरकार ने उनकी ज़मानत का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि वो सबूतों या गवाहों को प्रभावित करने के साथ देश से भागने की भी कोशिश कर सकते हैं।

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सरकारी वकील संदीप शिंदे ने कहा प्रोफेसर साईं बाबा को यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया है. उनके ऊपर गंभीर मामला है, वो सीपीआई माओवादी के सदस्य हैं। अदालत ने सरकारी दलील को खारिज करते हुए प्रोफेसर साईं बाबा को अस्थाई जमानत दे दी, लेकिन उन्हें इस अवधि में कंप्यूटर या लैपटॉप पर काम करने से रोकते हुए पुलिस में अपने रिहाइशी और अस्पताल का पता दर्ज कराने का निर्देश दिया है।