यह ख़बर 17 फ़रवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

इसरो-देवास के बीच S बैंड सौदा रद्द

खास बातें

  • कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की बैठक में यह फैसला लिया गया। आरोप है कि देवास को बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर स्पेक्ट्रम बेचा गया।
New Delhi:

इसरो की वाणिज्यिक इकाई एंट्रिक्स और निजी कंपनी देवास मल्टीमीडिया के बीच विवादास्पद S-बैंड स्पेक्ट्रम सौदे को रद्द कर दिया गया है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति की बैठक में अंतरिक्ष आयोग की सिफारिश के आधार पर सौदे को रद्द करने का निर्णय किया गया। एक निजी कंपनी को 1,000 करोड़ रुपये में 70 मेगाहर्ट्ज से अधिक S बैंड उसके हवाले किए जाने का सौदा प्रकाश में आने के बाद उठे विवाद के चलते इसे रद्द किया गया। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक पहले ही इस सौदे की जांच शुरू कर चुका है। अनुमान लगाया जा रहा है कि सस्ते में महत्वपूर्ण स्पेक्ट्रम निजी कंपनी के हवाले किए जाने से सरकारी खजाने को 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। इस तरह की रिपोर्टें मीडिया में आने के बाद सरकार और इसरों ने कहा कि परियोजना की समीक्षा जारी है और सौदे को रद्द करने के लिए कारवाई शुरु की जा चुकी है। प्रधानमंत्री ने बुधवार को कहा था कि सौदा कभी परिचालन में नहीं आया। उन्होंने इस बात को खारिज कर दिया कि अंतरिक्ष आयोग की सौदे को रद्द करने के फैसले के बाद देवास के साथ उनके कार्यालय की पर्दे के पीछे कोई बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि अगर सौदे को रद्द करने में कोई देरी हुई है, तो इसका कारण प्रक्रिया संबंध हो सकता है।


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