नोटबंदी कर क्या अंधेरे में कालाधन पर तीर चला गई मोदी सरकार! संसद में सरकार का बयान ऐसा ही कहता है

नोटबंदी कर क्या अंधेरे में कालाधन पर तीर चला गई मोदी सरकार! संसद में सरकार का बयान ऐसा ही कहता है

वित्तमंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो)

खास बातें

  • 8 नवंबर को 500-1000 रुपये के नोट को बंद करने का ऐलान
  • संसद का शीतकालीन सत्र नोटबंदी की भेंट चढ़ गया.
  • अर्थव्यवस्था को हिलाने वाले फैसले के पहले सरकार ने कोई अध्ययन नहीं किया
नई दिल्ली:

नरेंद्र मोदी सरकार ने कालाधन पर प्रहार करने और एक साथ सारा का सारा कालाधन समाप्त करने की नीयत से 8 नवंबर को 500-1000 रुपये के नोट को बंद करने का ऐलान कर दिया. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीवी पर आकर इस आदेश के तामील किए जाने की घोषणा की.

अगले ही दिन से देश में कोहराम सा मच गया. संसद का शीतकालीन सत्र इस नोटबंदी के विरोध में लोगों को हो रही परेशानी की भेंट चढ़ गया. इक्का-दुक्का कामों को छोड़कर संसद के दोनों सदनों में कोई खास काम नहीं हो पाया.

सरकार हर मंच पर यह ऐलान करती रही है कि उसने कालाधन, भ्रष्टाचार और आतंकवाद के खात्मे के लिए यह कदम उठा रही है. लेकिन आश्चर्य तो यह है कि देश की अर्थव्यवस्था को हिला देने वाले इस फैसले के पहले सरकार ने कोई अध्ययन नहीं किया था. न ही सरकार के पास इस बात की सटीक जानकारी थी कि भारतीय अर्थव्यवस्था में कितना कालाधन है या फिर कितनी फर्जी करेंसी है.

हाल ही लोकसभा में सांसद अनंतकुमार हेगड़े ने वित्तमंत्री अरुण जेटली से इस संबंध में प्रश्न पूछा था. हेगड़े ने बहुत ही स्पष्ट पूछा है कि क्या सरकार ने विमुद्रीकरण से पहले या इसके पश्चात देश में कुल कालेधन के बारे में कोई आकलन किया या अनुमान लगाया है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है.

हेगड़े द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में जेटली ने सदन को बताया कि 8 नवंबर 2016, जिस दिन सरकार ने यह निर्णय लिया था कि 500 रुपये और 1000 रुपये के मूल्य वाले वर्तमान बैंक नोटों की सीरीज 9 नवंबर 2016 से बंद हो जाएगी, के पहले और उसके बाद कितना काला धन जमा हुआ है इसका कोई सरकार अनुमान उपलब्ध नहीं है.

जेटली ने आगे कहा कि 01.04.2014 ले 31.11.16 के बीच आयकर विभाग द्वारा की गई तलाशी से 1356 समूहों ने 31277 करोड़ रुपये की अघोषित आय होने की बात स्वीकार की है. इसके अलावा 2164 करोड़ रुपये की अघोषित परिसंपत्ति को जब्त किया गया है. इसके साथ ही इसी अवधि में 14044 सर्वेक्षण का कार्य किया गया है जिससे 30492 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है. सदन में जेटली ने यह भी बताया कि इसके अलावा आयकर विभाग ने इसी अवधि में 2323 अन्य कार्रवाई भी की जिसके तहत 75 लोगों को दोषी भी पाया गया है.

जेटली ने सदन को बताया कि 30 सितंबर 2015 को खत्म हुई वन टाइम थ्री मंथ्स कंप्लायंस विंडो, जो कि 30 सितंबर 2015 को समाप्त हुई के तहत 648 घोषणाएं की गई जिसमें 4164 करोड़ रुपये की विदेशी परिसंपत्ति की बात सामने आई. इन मामलों से सरकार को 2476 करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई. सरकार ने सदन को यह भी सूचित किया कि आयकर घोषणा योजना जिसे सरकार ने जून-सितंबर 2016 तक चलाया था, के अंतर्गत 71726 घोषणाकर्ताओं ने अपनी 67382 करोड़ रुपये की अघोषित आय की घोषणा की है.

सरकार के संसद में जवाब से यह तो साफ है कि कालाधन से जुड़ा सरकार के पास कोई आंकड़ा नहीं था. सरकार ने इस संबंध में कोई स्टडी भी नहीं की थी और इतना बड़ा निर्णय... खैर मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से सरकार का दावा है कि कई योजनाओं के बाद सरकार को 1,31,627 करोड़ रुपये का कालाधन सरकार को प्राप्त किया है.


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