खास बातें
- टीएसडब्ल्यूटी ने केजरीवाल की संस्था का आवेदन स्वीकार कर लिया और वर्ष 2009 से हर साल 25.25 लाख रुपये देने की स्वीकृति प्रदान की। संगठन को वर्ष 2009 वर्ष 2010 के लिए 25.25 लाख रुपये की राशि भी दी गई।
नई दिल्ली: टाटा सोशल वेलफेयर ट्रस्ट (टीएसडब्ल्यूटी) ने सोमवार को कहा कि उसने अरविंद केजरीवाल के पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन, गाजियाबाद को किसी राजनीतिक गतिविधि के लिए कोई पैसा नहीं दिया है।
टीएसडब्ल्यूटी की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि उसे इन्फोसिस के पूर्व प्रमुख एनआर नारायणमूर्ति के अक्टूबर 2008 में सिफारिश मिली थी कि केजरीवाल को सूचना के अधिकार के विषय में जागरुकता बढ़ाने के लिए मदद की जाए। उसके बाद पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन ने अनुदान के लिए टीएसडब्ल्यूटी से आवेदन किया था। 1.25 करोड़ रुपये के लिए यह आवेदन लोक सूचना अधिकारियों, सूचना आयुक्तों और नागरिकों द्वारा सूचना के अधिकार के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य पर पांच साल तक राष्ट्रीय आरटीआई पुरस्कार देने के मकसद से था।
टीएसडब्ल्यूटी ने आवेदन स्वीकार कर लिया और वर्ष 2009 से हर साल 25.25 लाख रुपये देने की स्वीकृति प्रदान की। संगठन को वर्ष 2009 वर्ष 2010 के लिए 25.25 लाख रुपये की राशि भी दी गई।
वर्ष 2011 में टीएसडब्ल्यूटी ने 25 लाख रुपये जारी कर दिए थे पर केजरीवाल के संगठन ने यह राशि हासिल करने के बाद जब यह लिखा कि वह 2011 के लिए आरटीआई अवार्ड नहीं दे सकेगा और ऐसी स्थिति में क्या उस राशि को जनलोकपाल बिल पर खर्च किया जा सकता है तो टाटा समूह के ट्रस्ट ने उसे जवाब दिया कि यह सहायता राशि केवल आरटीआई अवार्ड के लिए थी जिसे किसी और उद्देश्य पर खर्च नहीं किया जा सकता। इसके बाद केजरीवाल के संगठन ने यह पैसा उसी साल लौटा दिया था।
ट्रस्ट ने टीएसडब्ल्यूटी में उसके बाद फाउंडेशन को कोई अनुदान सहायता जारी नहीं की।