यह ख़बर 18 जनवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

डीजल मूल्यवृद्धि पर सहयोगी दल खफा, दिग्विजय ने की दोहरी कीमत की वकालत

खास बातें

  • कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का मानना है कि सरकार को डीजल की दोहरी कीमत तय करनी चाहिए और किसानों को सस्ते दाम पर डीजल उपलब्ध कराया जाना चाहिए। डीएमके ने डीजल कीमतों को नियंत्रणमुक्त करने पर पुनर्विचार की मांग की है। वहीं, मायावती ने सरकार के फैसले की आलोचन
नई दिल्ली / जयपुर:

डीजल की कीमतें 50 पैसे प्रति लीटर बढ़ा दी गईं हैं और सूत्रों के मुताबिक इसकी कीमत हर महीने 50 पैसे प्रति लीटर बढ़ेंगी। दरअसल, सरकार ने डीजल की कीमत से अपना नियंत्रण कम कर लिया है।

हालांकि सरकार ने पेट्रोल की कीमत 25 पैसे प्रति लीटर कम करने का भी ऐलान किया है, लेकिन डीजल के दाम बढ़ाने का विरोध शुरू हो गया है। डीजल के दाम बढ़ाने पर हो रहे विरोध के बाद कांग्रेस पार्टी के अंदर अब इस फैसले के राजनीतिक परिणाम को लेकर चिंता दिखने लगी है।

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने डीजल का इस्तेमाल करने वाले किसानों के लिए राहत की मांग करते हुए उन्हें सीधे कैश सब्सिडी की वकालत की है। उनका कहना है कि उपभोक्ताओं में सिर्फ 12 फीसदी किसान हैं। डीजल के दामों के लिए केंद्र सरकार को इसके लिए दोहरी नीति अपनानी चाहिए और किसानों को पंपिग सेट या ट्रैक्टर के लिए रियायती दरों पर डीजल मिलना चाहिए। कैश ट्रांसफर के जरिये इस पर सब्सिडी दी जा सकती है।

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यूपीए की सहयोगी डीएमके ने डीजल की कीमतों को नियंत्रण मुक्त करने के कदम पर पुनर्विचार की मांग की है और वह चाहती है कि सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडरों की सीमा और बढ़ाई जाए। वहीं, बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने भी सरकार के फैसले की आलोचना की है।