नवसारी रैली : पीएम मोदी की गोद में बैठकर दिव्यांग बच्ची ने सुनाई रामायण, तालियों की गड़गड़ाहट

नवसारी रैली : पीएम मोदी की गोद में बैठकर दिव्यांग बच्ची ने सुनाई रामायण, तालियों की गड़गड़ाहट

खास बातें

  • दिव्यांग बच्ची गौरी शार्दुल ने रामायण सुनाकर सभी का दिल जीता
  • पीएम मोदी के जन्मदिन के मौके पर तीन विश्व रिकॉर्ड बने
  • प्रधानमंत्री ने कहा, दिव्यांगों पर दया न करें, उनका अपना आत्म सम्मान है..
नवसारी:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपना 66वां जन्मदिन मनाया. इस मौके पर गुजरात के नवसारी में एक रैली रखी गई थी. इस रैली में पीएम मोदी एक दिव्यांग बच्ची को गोद में उठाकर मंच तक पहुंचे. इसके बाद बच्ची ने माइक पर रामायण सुनाकर सभी को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया.

पीएम मोदी से बात करने और उनसे स्पेशल किट लेने के लिए स्टेज पर आने वालों में एक दिव्यांग बच्ची गौरी शार्दुल भी थी. सफेद फ्रॉक और लाल रंग की बेल्ट व इसी रंग का हेयरबैंड पहनकर आयी गौरी को ब्रेल किट देने के बाद प्रधानमंत्री ने उनसे बात की.

इसके बाद प्रधानमंत्री उस बच्ची का हाथ पकड़कर उसे माइक तक ले गए. उन्होंने गौरी को गोद में उठा लिया और माइक सौंपते हुए उसे रामायण सुनाने के लिए प्रोत्साहित किया, 'बोलो बेटा... बोलो.'
 


हालांकि गौरी कुछ घबराई हुई लग रही थी, लेकिन फिर उसने अपने बारे में बताया, 'मैं गौरी हूं. पूजा और योगी राज शार्दुल जी की दिव्यांग बेटी. मैं कक्षा 1 में पढ़ती हूं.' प्रधानमंत्री ने एक बार फिर गौरी से रामायण सुनाने को कहा. फिर उसने माइक पर रामायण सुनाना शुरू कर दिया.
बच्ची से रामायण सुनकर सभी ने उसके लिए तालियां बजाईं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उसके सिर पर हाथ रखा. इसके बाद पीएम मोदी ने वहां मौजूद लोगों से संवाद स्थापित करते हुए गुजराती में कहा, 'मैं भाग्यशाली हूं कि इस दिन को इतने सारे दिव्यांग लोगों के साथ मनाया. क्या किसी प्रधानमंत्री ने आज तक ऐसा किया.'

प्रधानमंत्री ने सभी भाषायी क्षेत्रों के लिए सांकेतिक भाषा के एक सार्वभौमिक पाठ्यक्रम की भी घोषणा की. उन्होंने कहा, 'जैसे कि यहां लोग तमिल भाषा नहीं जानते हैं. अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग सांकेतिक भाषा है. हमने सार्वभौमिक सांकेतिक भाषा का एक कार्यक्रम शुरू किया है, ताकि यह हर किसी के लिए एक जैसी हो.'

यही नहीं प्रधानमंत्री ने कहा, 'दिव्यांगों पर दया न करें, उनका अपना आत्म सम्मान है... वे भी समानता का अधिकार रखते हैं.' इसके अलावा उन्होंने कहा कि लोगों को बालिकाओं के प्रति अपने विचारों को भी बदलने की जरूरत है.
 

करीब 11,232 दिव्यांगों को व्हीलचेयर, तिपहिया साईकिल, स्मार्ट स्टिक, मानसिक रूप से दिव्यांगों को खास तरह के सॉफ्टवेयर युक्त स्मार्टफोन, लैपटॉप, ब्रेल स्क्रिप्ट, कैलिपर्स और अन्य उपकरणों के अलावा स्कॉलरशिप भी दी गईं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर इस कार्यक्रम में तीन विश्व रिकॉर्ड भी बने.

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