यह ख़बर 10 अप्रैल, 2013 को प्रकाशित हुई थी

सुषमा को पीएम पद का उम्मीदवार क्यों नहीं बनाते : दिग्विजय का मोदी से प्रश्न

खास बातें

  • दिग्विजय सिंह का कहना है कि मोदी का महिला सम्मान महज छलावा है वरना वह सुषमा स्वराज को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाते। उन्होंने गुजरात के विकास के मोदी के दावे पर भी सवाल खड़े किए हैं।
नई दिल्ली:

अपनी बेबाक राय से कई बार विवादों में घिरने वाले कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने एनडीटीवी इंडिया के पॉलिटिकल एडिटर मनोरंजन भारती को दिए इंटरव्यू में फिर से नए सवाल खड़े किए हैं। इस बार उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से कई सीधे और तीखे सवाल पूछे हैं।

उनका कहना है कि मोदी का महिला सम्मान महज छलावा है वरना वह सुषमा स्वराज को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाते। उन्होंने गुजरात के विकास के मोदी के दावे पर भी सवाल खड़े किए हैं। पेश है ये पूरी बातचीत।

मनोरंजन भारती− आपने कहा था कि दो पावर सेंटर उचित नहीं है। बाद में आखिर क्यों कांग्रस पार्टी को बैकट्रैक करना पड़ा।

दिग्विजय सिंह− मेरा संदर्भ पोस्ट 2014 से है, प्री 2014 से नहीं।

मनोरंजन भारती− इसका मतलब है कि जो अभी व्यवस्था है उससे आप सहमत हैं?

दिग्विजय सिंह− चल ही रहा है।

मनोरंजन भारती− यदि राजनीति विज्ञान का कोई छात्र दो पावर सेंटर ना होने की बात कहे तो इसमें गलत क्या है?

दिग्विजय सिंह− ये तो अब पार्टी में डीबेट होगी तब पूछेंगे।

मनोरंजन भारती− पार्टी के सभी दिग्गज नेताओं ने ऑफ द रिकॉर्ड कहा है कि पार्टी में दो पावर सेंटर नहीं होने चाहिए।

दिग्विजय सिंह− अगर आपने यह बात कही है तो हमारी पार्टी के जितने वरिष्ठ नेता हैं उन्होनें कहा होगा।

मनोरंजन भारती− क्या 2014 में पीएम पद और पार्टी की सत्ता एक व्यक्ति के हाथ में होनी चाहिए।

दिग्विजय सिंह− ये तो बड़ा हाईपोथेटिकल प्रश्न है क्योंकि 2014 में बहुमत हमें मिलेगा। हमारी सरकार बनेगी। गठबंधन की सरकार बनेगी। कौन सी पार्टियां हमारी सहयोगी होगी, ये अभी स्पष्ट नहीं है। परिस्थितियों के आधार पर 2014 में ही रणनीति तय की जाएगी।

मनोरंजन भारती− क्या चुनाव समय से पहले हो सकते हैं?

दिग्विजय सिंह− मुझे नहीं लगता है कि चुनाव समय से पहले होगा।

मनोरंजन भारती− उत्तर प्रदेश को आप डील करते हैं। आप मुलायम सिंह पर किस हद तक भरोसा कर सकते हैं?

दिग्विजय सिंह− मुलायम सिंह को मुझसे बेहतर आप जानते हैं।
 
मनोरंजन भारती− यूपीए−2 को एक कॉन्फीडेंस वोट के लिए इस साल के अंत तक तैयार होना पड़ेगा। क्या आप मानते हैं इस थ्यूरी को?

दिग्विजय सिंह− पहले भी ऐसे खतरे कई बार आए हैं और हमारी पार्टी ने इन खतरों का सामना भी किया है और हम जीते भी हैं। जब समय आएगा तब देखा जाएगा।

मनोरंजन भारती− आपको लगता है कि यदि मुलायम सिंह हटते भी हैं तो कांग्रेस के पास पर्याप्त नंबर रहेगा?

दिग्विजय सिंह− यह बड़ां हाईपोथेटिकल प्रश्न है। मुलायम सिंह ने यह बयान दिया है कि हम सरकार नहीं गिराना चाहते।

मनोरंजन भारती− राहुल नेतृत्व करने से पीछे हटते क्यों दिख रहे हैं?

दिग्विजय सिंह− वो सीआईआई  के एनुअल जनरल मीटिंग को संबोधित कर रहे थे। इसमें देश के सामने क्या समस्याएं हैं, इन समस्याओं के निदान के लिए क्या विज़न होना चाहिए, इस पर विस्तार से उन्होंने अपनी बात रखी है।
कांग्रेस की मूल धारणा जो महात्मा गांधी के समय से रही हैं कि सत्ता का विकेंद्रीकरण होना चाहिए और विकेंद्रीकृत सत्ता ही समस्याओं का निदान कर सकती है। जयपुर के अधिवेशन में उन्होंने कहा था 'पावर इज पॉइजन'। इसलिए उनकी मां सोनिया जी ने कहा था कि पावर का उपयोग दूसरों को एमपावर करने के लिए करना खुद के एमपावर करने के लिए नहीं करना। ये बहुत बड़ी बात है। यही बुनियादी अंतर है कांग्रस और भाजपा-संघ की विचारधारा में।

मनोरंजन भारती− देश जानना चाहता है कि राहुल कब तक देश का नेतृत्व करने के लिए तैयार होंगे।

दिग्विजय सिंह− आप लोग कौन बनेगा प्रधानमंत्री इसी पर बहस करके अपनी टीआरपी बढ़ाना चाहते हैं। हमारे सामने यह समस्या नहीं है कि कौन बनेगा प्रधानमंत्री। हमारी समस्या यह है कि कैसे हम लोग बेरोजगारी दूर करेंगे, कैसे हम गरीबी दूर करेंगे, कैसे यहां का कुपोषण दूर करेंगे, कैसे यहां के ह्यूमन डेवलेपमेंट इंडैक्स में सुधार करेंगे, कैसे ग्रोथ रेट को बढ़ा पाएंगे, कैसे हम एक अच्छा वातावरण निर्मित कर पाएंगे, जिससे ना केवल एफडीआई आए, साथ ही मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में भी हम ज़्यादा से ज़्यादा ग्रोथ बढ़ा सकें। कैसे हम लोग स्किल डेवलेपमेंट के सहारे जो यूपीए  सरकार की बहुत बड़ी उपलब्धि है, कैसे हम उसके माध्यम से लोगों को रोजगार दे सकें, कैसे हम लोग जिस तरह से राइट टू इनफॉर्मेशन दिया, राइट टू एजूकेशन दिया, राइट टू वर्क दिया, अब राइट टू फूट हम लोगों ने दिया है।

मनोरंजन भारती− कहीं यह कुछ ज्यादा थ्यूरीटिकल तो नहीं है?

दिग्विजय सिंह− बिल्कुल नहीं। सीएम या पीएम का भाषण नहीं था। वाइस प्रेसीडेंट ऑफ कांग्रेस पार्टी का भाषण था। देश का हर व्यक्ति यह जानना चाहता था कि आखिर राहुल गांधी ब्रांड है क्या? भाषण में राहुल गांधी ब्रांड ही उसमें व्यक्त किया गया।

मनोरंजन भारती− सोशल मीडिया के तहत 14 करोड़ लोगों से आपकी पार्टी कब जुड़ेगी?

दिग्विजय सिंह− फिक्की महिला विंग का कायर्क्रम था। संघ संचालक जो होते हैं वो शादी−शुदा नहीं होते हैं। अब ये भी एक बहुत बड़ा प्रश्न है कि ये शादी−शुदा हैं या नहीं। ये चुनाव लड़ने के लिए जो फॉर्म भरते हैं, उसमें भी गुप्त रखते हैं कि ये शादी−शुदा हैं या नहीं। पहली बात तो यह है कि इस देश की जनता और विशेषकर महिला वर्ग यह जानना चाहता है कि मोदी जी आप ये स्पष्ट कर दें कि आप शादी−शुदा हैं या नहीं।

दूसरी बात यह है कि वो महिलाओं को कहते हैं कि महिलाएं देश का हम लोगों का पुरुषार्थ जागृत करें। यही अपने आप में संघ की मानसिकता को जाहिर करता है। हम महिला शक्ति को बढ़ाना चाहते हैं। इस देश में महिला शक्ति बढ़ाने में किसी का योगदान रहा है तो कांग्रेस का है। राजीव गांधी ने महिलाओं को आरक्षण दिया। जितना भी देश में महिलाओं के पक्ष में निर्णय हुए हैं सभी कांग्रेस के राज्य सरकारों और केंद्र सरकार ने लिया है।

भाजपा ने कुछ नहीं किया है। मैं पूछना चाहता हूं मोदी से कि 35 राज्यों की लिस्ट में आपके राज्य में मेल−फीमेल के अनुपात में 32वें नंबर पर है। आप के यहां महिलाओं की संख्या घट रही है। इसका मतलब यही है कि आपके यहां कन्या भ्रूण हत्या की घटनाएं बढ़ रही हैं इसका उत्तर नहीं देते हैं और आप महिलाओं से संघ प्रचारक की तरह भाषण देते हैं। हम तो चाहेंगे कि मोदी खूब भाषण दें ताकि देश की जनता को मालूम तो पड़े कि रटा−रटाया भाषण कितना दिन सुनेंगे वो यशोदा बेन के पिज़्जा की बात क्यों नहीं करते। उनसे पूछिए कि यशोदा बेन कौन हैं?

मनोरंजन भारती− मतलब वो इस सभा में भावनाओं से खेल रहे थे

दिग्विजय सिंह− संघ प्रचारक का भाषण इसी प्रकार रटा−रटाया होता है। संघ के लोगों की ट्रेनिंग इस प्रकार होती है कि तांगे के घोड़े की तरह सिर्फ़ सड़क पर देखो और आस−पास मत देखो।

मनोरंजन भारती− क्या मोदी के भाषण में सोनिया जी की बात करना बूल गए?

दिग्विजय सिंह− अगर वो महिलाओं की इज़्जत करना चाहते हैं तो सुषमा स्वराज को अगले प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार कर लें।

मनोरंजन भारती− आप सोशल मीडिया पर मोदी को कब जवाब देंगे?

दिग्विजय सिंह− हमारा संघर्ष किसी व्यक्ति से नहीं है। हमारी लड़ाई विचारधारा से है। सोशल मीडिया पर जो संघ की विचारधारा है आज महात्मा गांधी के मर्डर को जस्टीफाई करती है। महात्मा गांधी के मर्डर को कहती है कि ठीक हुआ। क्या इसका हम लोग विरोध ना करें। देश का हर नागरिक जो लिबरल विचारधारा का है जो सांप्रदायिक सद्भाव विचारधारा का है, इस सोशल मीडिया पर जो संघ की विचारधारा का प्रभाव बढ़ता जा रहा है उसका हम निरंतर विरोध करेंगे।

मनोरंजन भारती− कैसे करेंगे, आपके लोग तो है नहीं वहां पर।

दिग्विजय सिंह− हमारे लोग पूरे देश में हैं और धीरे−धीरे हमारा जो पैनीट्रेशन है बढ़ रहा है। जो छह महीने पहले संघ का दबदबा था  आज वो नहीं है और छह महीने बाद देखेंगे कि वो कहां खड़े हैं।
 
मनोरंजन भारती− आपको अच्छा नहीं लगा होगा जब राहुल गांधी को पप्पू कहा गया होगा।

दिग्विजय सिंह− राहुल गांधी जी को क्या−क्या नहीं कहा गया, सोनिया जी को क्या नहीं कहा गया, क्या हम उससे विचलित हो जाएं हमलोग विचलित नहीं होते। नरेंद्र मोदी जी विचलित हो जाते हैं। आपको याद है करण थापर ने जब उनसे कुछ प्रश्न पूछे तो वे निकलकर बाहर चले गए। किसी भी एक कांग्रेस नेता का नाम बताएं जिसने बदसलूकी की हो। हम सामना करना जानते हैं। ये संघ के लोग नहीं जानते।

मनोरंजन भारती− आपको लगता है कि ये सोशल मीडिया बेलगाम हो सकता है?

दिग्विजय सिंह− विचारों की आज़ादी हर प्रजातंत्र में होती है। हमारे यहां इसके लिए कानून बना हुआ है और कानून के दायरे में रहकर काम करना चाहिए।

मनोरंजन भारती− आपको लगता है कि शिवराज सिंह चौहान यह इशारा कर रहे हैं कि मोदी के समर्थक बीजेपी के समर्थक नहीं हैं।

दिग्विजय सिंह− मुझे उनके झगड़े में नहीं पड़ना।

मनोरंजन भारती− राहुल बनाम मोदी को मानकर आप चुनाव की तैयारी कर रहे हैं?

दिग्विजय सिंह− मोदी हमारे लिए कोई मुद्दा नहीं हैं। हमारी लड़ाई विचारधारा की लड़ाई है। हमारी लड़ाई उनलोगों से है जिस विचारधारा ने महात्मा गांधी की हत्या कराई थी जिस विचारधारा ने सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ा जिसने देश में अल्पसंख्यक  समुदाय को बदनाम करने के लिए बम फोड़े। कट्टरपंथी विचारधारा की लड़ाई। कांग्रेस पार्टी आजादी के पहले से लड़ती आई है और आगे भी लड़ेगी।

मनोरंजन भारती− आपको नहीं लगता कि अगर आप मोदी की बातों को प्वाइंट टू प्वाइंट काउंटर करेंगे तो तुरंत सच्चाई पता चलता है।

दिग्विजय सिंह− देश के राज्यों के जो इंडीकेटर्स हैं चाहे ह्यूमन डेवलेपमेंट इंडेक्स हो चाहे पर कैपिटा इंकम हो चाहे एफडीआई हो चाहे मैन्यूफैक्चरिंग सैक्टर में इनवेस्टमेंट हो चाहे इम्प्लीमेंटेशन ऑफ एनुअल यूज हो, एक भी क्राइटेरिया में गुजरात नंबर वन पर नहीं है। अगर आप ह्यूमन डेवलेपमेंट इंडेक्स देखेंगे तो केरल नंबर वन पर है जहां कांग्रेस की सरकार है। पर कैपिटा इंकम देखेंगे तो हरियाणा नंबर वन पर है जहां कांग्रेस का राज है।
मैन्यूफैक्चरिंग सैक्टर और एफडीआई में देखेंगे तो महाराष्ट्र नंबर वन पर है। गुजरात कौन से स्टेज पर नंबर वन पर है। सबसे ज़्यादा कुपोषण वहीं बढ़ रहा है, सबसे ज़्यादा महिलाओं की संख्या वहीं घट रही है। जो ग्रोथ रेट है गुजरात का वो हमेशा भारत के ग्रोथ रेट से 2−4 ज़्यादा रहा है। डबल डिजिट ग्रोथ तो गुजरात में 90 के दशक में भी रहा है। इसका श्रेय मोदी को नहीं जाता है। इसका श्रेय गुजरात के उद्योगपतियों को जाता है।

मनोरंजन भारती− आपको लगता है कि इंडस्ट्रियलिस्ट चाहते हैं कि मोदी पीएम बनें?

दिग्विजय सिंह− जिनको उन्होनें मुफ्त में करोड़ों की ज़मीन दी हैं, जिनको उन्होंने टैक्स में हज़ारों करोड़ का फ़ायदा दिया है वो उनका गुणगान नहीं करेंगे तो किसका करेंगे।

मनोरंजन भारती−आप 2014 का चुनाव लड़ेंगे?

दिग्विजय सिंह−पार्टी टिकट देगी तो जरूर लड़ेंगे।

मनोरंजन भारती− मतलब आप तैयार हैं?

दिग्विजय सिंह− यहां से कहीं भी लड़ेंगे।

मनोरंजन भारती− 2014 में यूपी में आपकी सीटों की संख्या जस की तस रहेगी।

दिग्विजय सिंह− यह नहीं कहा जा सकता, पर तैयारी पूरी है और डटकर चुनाव लड़ेंगे।

मनोरंजन भारती− क्या प्रियंका चुनाव लड़ेगी?

दिग्विजय सिंह− मुझे कोई भी जानकारी नहीं है।

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मनोरंजन भारती− पार्टी में एक ही पावर सेंटर होना चाहिए?
 
दिग्विजय सिंह− मैं अपनी बात कह चुका हूं और ऑफिशियल स्पोक्सपर्सन ने जो बात कही है मैं उसका पालन कर रहा हूं।