फ्री बेसिक्स पर भारत के रुख से मार्क जुकरबर्ग निराश, कहा, हार नहीं मानूंगा

फ्री बेसिक्स पर भारत के रुख से मार्क जुकरबर्ग निराश, कहा, हार नहीं मानूंगा

वाशिंगटन:

नेट न्यूट्रैलिटी पर भारत के फैसले को लेकर निराशा व्यक्त करते हुए फेसबुक के संस्थापक तथा प्रमुख मार्क ज़करबर्ग ने कहा है कि वह भारत सहित दुनियाभर में कनेक्टिविटी प्रतिबंधों को खत्म करने की दिशा में काम करते रहने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

नेट न्यूट्रैलिटी पर टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के फैसले पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में ज़करबर्ग ने फेसबुक पर एक पोस्ट में लिखा, "इंटरनेट.ओआरजी (internet.org) के जरिये बहुत कुछ नया किया जाना संभव है, और हम तब तक इस दिशा में काम करते रहेंगे, जब तक सभी की पहुंच इंटरनेट तक न हो जाए... "

दरअसल, टेलीकॉम नियामक ट्राई ने सोमवार को नेट न्यूट्रैलिटी का पक्ष लेते हुए ऑपरेटरों पर इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कॉन्टेंट के आधार पर अलग-अलग दर वसूल किए जाने से प्रतिबंध लगा दिया था, जो फेसबुक की विवादित फ्री बेसिक्स तथा उससे मिलती-जुलती अन्य योजनाओं के लिए बड़ा झटका है।

फेसबुक के फ्री बेसिक्स प्लान को विशेषज्ञों की ओर से कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था, जिनका कहना था कि इससे अपनी मर्ज़ी से इंटरनेट इस्तेमाल करने की व्यक्ति की आज़ादी खत्म हो जाएगी।

ज़करबर्ग ने अपने पोस्ट में लिखा, "आज भारत की टेलीकॉम नियामक ने ऐसी योजनाओं पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय किया, जो डेटा तक मुफ्त पहुंच उपलब्ध कराती है... इसके चलते इंटरनेट.ओआरजी के एक कार्यक्रम फ्री बेसिक्स तथा इसी की तरह डेटा तक मुफ्त पहुंच उपलब्ध कराने वाले कार्यक्रमों पर रोक लग गई है..."

उन्होंने कहा, "हालांकि हम आज के फैसले से निराश हैं, लेकिन निजी रूप से मैं यह संदेश देना चाहता हूं कि भारत सहित दुनियाभर में कनेक्टिविटी प्रतिबंधों को खत्म करने की दिशा में काम करते रहने के लिए प्रतिबद्ध हैं... इंटरनेट.ओआरजी के जरिये बहुत कुछ नया किया जाना बाकी है, और हम तब तक इस दिशा में काम करते रहेंगे, जब तक सभी की पहुंच इंटरनेट तक न हो जाए... "

ज़करबर्ग ने दावा किया कि इंटरनेट.ओआरजी के जरिये फेसबुक ने दुनियाभर में बहुत-से लोगों की ज़िन्दगी में सुधार किया है। उन्होंने आगे लिखा, "भारत को इससे जोड़ना बेहद महत्वपूर्ण लक्ष्य है, क्योंकि यहां एक अरब से भी ज़्यादा लोग हैं, जिनकी पहुंच इंटरनेट तक नहीं है..."

फेसबुक संस्थापक का कहना था, "हम जानते हैं कि इन लोगों को साथ जोड़ लेने से उन्हें गरीबी से मुक्ति दिलाने में मदद मिलेगी, लाखों नौकरियां पैदा होंगी तथा शिक्षा के अवसरों का विस्तार होगा, और यही वजह है कि हम इन्हें साथ जोड़ने के लिए कटिबद्ध हैं..."

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इस बीच, फेसबुक प्रवक्ता ने भी इंटरनेट पर कॉन्टेंट के आधार अलग-अलग शुल्क दर की अनुमति नहीं देने के ट्राई के निर्णय पर निराशा जताते हुए कहा कि इससे उसका नि:शुल्क इंटरनेट प्लेटफार्म फ्री बेसिक्स बुरी तरह प्रभावित होगा। फेसबुक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, "फ्री बेसिक्स के साथ हमारा लक्ष्य एक मुक्त, गैर-विशेष व मुफ्त प्लेटफार्म के साथ अधिक से अधिक लोगों को इंटरनेट से जोड़ना है। यद्यपि हम ट्राई के फैसले से निराश हैं, लेकिन हम बाधाओं को दूर करने के अपने प्रयास जारी रखेंगे..."