यह ख़बर 04 दिसंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

खुदरा में एफडीआई के खिलाफ, मगर सरकार के साथ : डीएमके

खास बातें

  • द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने मंगलवार को बहुब्रांड खुदरा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का विरोध किया, लेकिन कहा कि वह सरकार के पक्ष में मतदान करेगी, क्योंकि वह अपने सहयोगी दल, कांग्रेस को संकट में नहीं डालना चाहती।
नई दिल्ली:

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने मंगलवार को बहुब्रांड खुदरा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का विरोध किया, लेकिन कहा कि वह सरकार के पक्ष में मतदान करेगी, क्योंकि वह अपने सहयोगी दल, कांग्रेस को संकट में नहीं डालना चाहती।

कांग्रेस नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की घटक डीएमके ने यह कहते हुए सरकार के प्रति अपना समर्थन जताया कि खुदरा में एफडीआई देशभर के खुदरा व्यापारियों के लिए नुकसानदायक होगा।

डीएमके नेता टीकेएस एलंगोवन ने लोकसभा में खुदरा में एफडीआई पर बहस में हिस्सा लेते हुए कहा, "मैं यह बात एक विरोधी के नाते नहीं कह कर रहा हूं, बल्कि आपका भाई होने के नाते कह रहा हूं। मैं विपक्ष की तरह आपको संकट में नहीं डालना चाहता, लेकिन खुदरा में एफडीआई निश्चिततौर पर व्यापारी समुदाय के हित में नहीं है।"

एलंगोवन ने कहा, "उनमें (व्यापारी) से अधिकांश बड़ी दुकानों में काम नहीं कर रहे हैं, वे अपनी खुद की दुकानें चलाते हैं। हो सकता है वे इससे बहुत लाभ न कमाते हों, लेकिन कम से कम एक सामान्य जीवन जी सकते हैं।"

एलंगोवन ने केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के बयान पर सवाल किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि यहां आने के बाद भी वालमार्ट में कोई नहीं जाएगा।

एलंगोवन ने सवाल किया, "कपिल सिब्बल ने कहा कि वालमार्ट चीन में विफल हो गया, वह यहां भी विफल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह शहर के बाहर स्थित होगा, लोग वहां नहीं जा पाएंगे, फिर वालमार्ट को यहां बुला क्यों रहे हैं?"

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डीएमके नेता ने हालांकि कहा कि उनकी पार्टी सरकार की तरफ है। "हम आपके साथ हैं, क्योंकि यह समय की मांग है। हम आपको गिराना नहीं चाहते, हम भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) से जुड़ना नहीं चाहते।"