यह ख़बर 07 मार्च, 2013 को प्रकाशित हुई थी

करुणानिधि ने श्रीलंकाई सरकार के तानाशाही रवैये की बखिया उधेड़ी

खास बातें

  • करुणानिधि ने श्रीलंकाई पुलिस पर उत्तरी वावुनिया शहर के सैंकड़ों तमिल प्रदर्शनकारियों को कोलंबो में आयोजित रैली में भाग लेने से रोकने का आरोप लगाते हुए कहा कि श्रीलंकाई सरकार का ऐसा तानाशाही रवैया बेहद निंदनीय है।
चेन्नई:

द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) अध्यक्ष एम करुणानिधि ने श्रीलंकाई पुलिस पर उत्तरी वावुनिया शहर के सैंकड़ों तमिल प्रदर्शनकारियों को कोलंबो में आयोजित रैली में भाग लेने से रोकने का आरोप लगाते हुए कहा कि श्रीलंकाई सरकार का ऐसा तानाशाही रवैया बेहद निंदनीय है।

करुणानिधि ने याद दिलाते हुए कहा कि श्रीलंका में स्थित अमेरिकी दूतावास ने वहां की सरकार को अपने नागरिकों की स्वतंत्र आवाजाही सुनिश्चित करने को कह रखा है।

अमेरिकी दूतावास ने बुधवार को कहा था, लोग अपने परिवार के लापता सदस्यों के बारे में जानकारी मांग रहे हैं। हम श्रीलंकाई सरकार से इन नागरिकों को स्वतंत्र आवाजाही की इजाजत देने की मांग करते हैं। संपूर्ण विश्व में अभिव्यक्ति की आजादी है और अंतरराष्ट्रीय एवं श्रीलंकाई कानून का काम इसे संरक्षित करना है।

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डीएमके अध्यक्ष करुणानिधि ने बयान जारी कर कहा कि लोग अपने परिवार के लापता सदस्यों की खोज और युद्ध बंदियों की रिहाई की मांग को लेकर कोलंबो में रैली निकालने की योजना बनाई थी। उन्होंने कहा, पुलिस ने उन्हें कोलंबो जाने से रोक दिया और इस अलोकतांत्रिक कार्रवाई के खिलाफ वे वावुनिया में ही धरने पर बैठ गए हैं।