यह ख़बर 05 मार्च, 2011 को प्रकाशित हुई थी

यूपीए सरकार से समर्थन वापस लेगी डीएमके?

खास बातें

  • तमिलनाडु में सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस और डीएमके में ठन गई है और इसी के चलते डीएमके-कांग्रेस के रिश्तों में खटास बढ़ती जा रही है।
चेन्नई / नई दिल्ली:

डीएमके और कांग्रेस के रिश्तों में खटास बढ़ती जा रही है। सूत्रों के मुताबिक डीएमके मंत्री टीआर बालू प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी से मिलने दिल्ली आ रहे हैं। खबर है कि डीएमके केंद्र से अपना समर्थन वापस ले सकती है। बालू डीएमके के फैसले की सूचना देने के लिए दिल्ली आ रहे हैं। तमिलनाडु में सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस और डीएमके में ठन गई है। पार्टी अध्यक्ष करुणानिधि ने कहा है कि दोनों पार्टियों के बीच समझौता हुआ था कि कांग्रेस 51 सीटों से चुनाव लड़ेगी। हालांकि बाद में डीएमके ने कांग्रेस को 60 सीटों का ऑफर दिया, लेकिन कांग्रेस की 63 सीटों की डिमांड थी। उधर, कांग्रेस ने कहा है कि डीएमके के साथ गठजोड़ की राह में आ रही दिक्कतें दूर कर ली जाएंगी। इस तरह की अपुष्ट खबरें हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर द्रमुक अध्यक्ष और मुख्यमंत्री करुणानिधि से बातचीत की है। नई दिल्ली में कांग्रेस के एक नेता ने दावा किया कि हर चीज सुलझा ली गई है। वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, अपने राजनीतिक संबंधों के सिलसिले में मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि हमारे समक्ष कभी-कभी कुछ समस्याएं आती हैं। हममें समस्याएं खड़ी करने और उसी के साथ उनका समधान करने की क्षमता है एवं इसका भी हल हो जाएगा।द्रमुक की उच्च स्तरीय नीति निर्धारक समिति की शनिवार शाम बैठक होने वाली है। करुणानिधि ने पूछा है कि पहले 60 सीटों के लिए राजी हुई कांग्रेस के लिए क्या यह उचित है कि अब वह 63 सीट मांगे। करुणानिधि ने शुक्रवार देर रात चेन्नई में जारी एक बयान में कहा कि कांग्रेस का रुख कि वह किन सीटों पर चुनाव लड़ेगी, इसका निर्धारण खुद करेगी - बिल्कुल ही अनपयुक्त है। द्रमुक और कांग्रेस ने सीटों के बंटवारे पर तीन दौर की वार्ता की है, लेकिन दोनों के बीच मतभेद के चलते कोई प्रगति नहीं हो पाई है। द्रमुक प्रमुख ने कहा कि 2004 में दोनों दलों के बीच गठजोड़ हुआ था और दोनों दलों के बीच तब से संबंध सामान्य था और केंद्र एवं राज्य सरकारें बिना किसी भ्रम के काम कर रही थीं। उन्होंने कहा कि जब दोनों दलों के बीच वार्ता शुरू हुई तब कांग्रेस से कहा गया कि उसे 51 सीटें दी जाएंगी, जो बाद में बढ़ाकर 53, 55 और फिर 58 हुई। उन्होंने कहा, जब कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद दो दिन पहले मुझसे मिले, तब यह सहमति बनी कि कांग्रेस को 60 सीटें दी जाएंगी।(इनपुट भाषा से भी)


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