दिल्‍ली : ऐसे तो कई पीढ़ियां देती रहेंगी डीएनडी का टोल टैक्स

दिल्‍ली : ऐसे तो कई पीढ़ियां देती रहेंगी डीएनडी का टोल टैक्स

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली:

अगर आप डीएनडी फ्लाई वे से दिल्ली-नोएडा या नोएडा-दिल्ली आते-जाते रहते हैं तो शायद टोल टैक्स देते-देते आप जवान से बूढ़े हो जाए, गाड़ियां पुरानी हो जाएं। मंहगाई के साथ टोल टैक्स के दाम भी आसमान छूने लगे हैं, लेकिन इस बाते के पूरे आसार हैं कि डीएनडी टोल टैक्स कभी खत्म नहीं होंगे।

ये बात मैं इसीलिए कह रहा हूं कि पीपीपी के तहत जब 1997 में एग्रीमेंट हुआ था, तब कई ऐसे प्रावधान बनाए गए जिसमें कंपनी के ही हितों का ध्यान रखा गया था। जिन नौकरशाहों के जिम्मे लोगों के हितों की निगरानी करना था, उन्होंने कंपनी के हितों को प्राथमिकता दी। नतीजा ये हुआ कि दिल्ली-नोएडा टोल ब्रिज कंपनी को डीएनडी बनाने के एवज में 20 फीसदी का रिफंड दे दिया गया।

यही नहीं, बाकायदा सरकार ने गारंटी भी दे दी। साल 2001 में डीएनडी 408 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ था, लेकिन आज डीएनडी अपने बैलेंस शीट में करीब साढ़े तीन हज़ार का घाटा दिखा रही है। नतीजा ये हुआ कि आने वाले 30 सालों तक टोल टैक्स वसूलने की पूरी प्लानिंग कंपनी के पास तैयार है।

दिल्ली सरकार और नोएडा विकास प्राधिकरण बस जुबानी जमाखर्ची के अलावा कोई कठोर कदम नहीं उठा सकते हैं। जबकि इन दोनों राज्यों ने डीएनडी को करीब 100 एकड़ ज़मीन दी, जिसकी कीमत 50 हज़ार करोड़ से ज्यादा की है, उसे महज एक रुपये लीज पर दी है।

इस संबंध में जब डीएनडी बनाने वाली दिल्ली टोल ब्रिज कंपनी से बात करने की कोशिश की गई, तो इस बाबत कुछ भी बात करने से इंकार कर दिया गया। कंपनी के प्रवक्ता अनवर का कहना है कि फिलहाल कंपनी कोई भी जानकारी या इस बाबत बात नहीं कर सकती है।  

दरअसल, डीएनडी टोल प्लाजा का निर्माण ऐसे अजीबोगरीब गणित पर हुआ है, जिसमें कंपनी का कर्जा गांव के महाजन जैसा हमेशा गरीब पर बना रहेगा। समझौते के मुताबिक, कंपनी अपनी लागत यानी 408 करोड़ का 20 फीसदी रिफंड 10 साल तक वसूलेगी।

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लेकिन अगर 20 फीसदी का रिफंड उसे नहीं मिला, तो टोल टैक्स वसूलने का समय भी चक्रवृद्धि ब्याज की तरह बढ़ता जाएगा। इसी समीकरण की वजह से कंपनी पीढ़ी-दर-पीढ़ी टोलटैक्स वसूलती रहेगी। सरकारें अदालतों का चक्कर लगाती रहेंगी।
 
विजीलेंस कर रही है डीएनडी टोल की जांच
हालांकि, अब दिल्ली सरकार की विजीलेंस ने इसकी जांच शुरू कर दी है। एंटी करप्शन ब्रांच ने भी सारी जानकारियां ली है। लेकिन कंपनी और उसे गैरजरूरी फायदा देने वालों के खिलाफ जांच में क्या निकलता है, ये जरूर देखने वाली बात होगी।