बुंदेलखंड में सूखे की मार, संसद में पानी को लेकर सियासत

बुंदेलखंड में सूखे की मार, संसद में पानी को लेकर सियासत

रेल मंत्री सुरेश प्रभु (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

देश में आम जनता कई जगह सूखे की मार झेल रही है लेकिन संसद में इस पर भी सियासत गरमा रही है। समाजवादी पार्टी ने केंद्र सरकार पर बुंदेलखंड में खाली ट्रेन भेजने का आरोप लगाते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभु के इस्तीफे की मांग कर डाली। दरअसल पानी के संकट से जूझ रहे बुंदेलखंड में केंद्र ने वॉटर ट्रेन भेजी थी जिसको राज्य सरकार ने लेने से इनकार कर दिया। जब ऐसे ही वाटर ट्रेन लातूर भेजी गई थी तब सभी ने इस कदम की तारीफ की थी।

रेल मंत्री पर राजनीति करने का आरोप
पानी के संकट से जूझ रहे बुंदेलखंड में केंद्र की वॉटर ट्रेन का मसला राज्यसभा में खूब गरमाया। एसपी सांसदों ने रेल मंत्री पर पानी पर राजनीति करने का आरोप लगाया। बुंदेलखंड के लिए भेजी गई वॉटर ट्रेन को यूपी सरकार ने लेने से इनकार कर दिया। ट्रेन बुधवार शाम से ही झांसी रेलवे स्टेशन पर खड़ी रही। अखिलेश सरकार ने महोबा के डीएम से कहा कि रेलवे को बता दें कि ट्रेन की जरूरत नहीं है।

सुरेश प्रभु ने कहा, मिलकर काम करें
एसपी नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार मदद मांगे तभी केंद्र मदद देता है, सीधे-सीधे नहीं दे सकता है। मंत्री केंद्र राज्य संबंधों को दरकिनार कर बयान दे रहे हैं, राजनीति कर रहे हैं। ऐसे मंत्री को तो इस्तीफा दे देना चाहिए। इस पर रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि झांसी में पानी भरा गया। मैंने खुद अखिलेश को फोन किया, हम राजनीति नहीं चाहते। हम मदद करने के लिए तैयार हैं। मिलकर काम करने की आवश्यकता है। हालांकि प्रभु के जवाब से नाखुश एसपी सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।

मायावती ने कहा, यूपी सरकार को ले लेना था पानी
मायावती ने कहा कि यूपी सरकार को भेजा हुआ पानी ले लेना चाहिए था। बसपा नेत्री ने कहा कि रेल मंत्रालय ने जो ट्रेन भेजी थी वहां की सरकार को उसको ले लेना चाहिए था। इसकी आड़ में राजनीति करना ठीक नहीं है। समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल ने रेल मंत्री पर ही सवाल उठाया कि यह तो बुंदेलखंड का राजनीतिकरण अपने आप हो गया। नीति आयोग की बैठक में राज्य सरकार ने टैंकर मांगे थे। तालाब खुदाई का और डैम का पैसा मांगा था। हमने रेल मांगी कब थी?

जल संकट के समाधान का श्रेय लेने की होड़
जदयू के शरद यादव ने कहा कि पानी पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। दोनों सरकारों को मिलकर काम करना चाहिए। दरअसल सूखे से जूझ रहे यूपी में अगले साल चुनाव होने हैं। लिहाजा खींचतान पानी के संकट के समाधान का श्रेय लेने की भी है। शनिवार को यूपी के सूखे पर प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक भी बुलाई है। इसमें मुख्यमंत्री अखिलेश भी शामिल होंगे।


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