यह ख़बर 09 जनवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

डीटीसी की बसों में लगेगा सीसीटीवी, एक बजे तक ही चलेंगे डिस्को

खास बातें

  • राष्ट्रीय राजधानी के पांच सितारा होटलों के डिस्को और स्वतंत्र रूप से चलने वाले डिस्को अब मध्यरात्रि के बाद एक बजे तक ही चल सकेंगे। इन डिस्को को 12 बजकर 30 मिनट पर संगीत बंद करना होगा।
नई दिल्ली:

राष्ट्रीय राजधानी के पांच सितारा होटलों के डिस्को और स्वतंत्र रूप से चलने वाले डिस्को अब मध्यरात्रि के बाद एक बजे तक ही चल सकेंगे। इन डिस्को को 12 बजकर 30 मिनट पर संगीत बंद करना होगा।

चलती बस में 16 दिसंबर की रात 23 वर्षीय छात्र के साथ सामूहिक बलात्कार और उसके बाद सिंगापुर में युवती की इलाज के दौरान मौत के बाद देशभर में पैदा हुए हालात के मद्देनजर महिलाओं की सुरक्षा के लिहाज से केन्द्र सरकार ने यह कदम उठाया है।

युवती की मौत के बाद उबले गुस्से के परिप्रेक्ष्य में दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े मुददों पर विचार और दिल्ली पुलिस के कामकाज की समीक्षा के लिए गठित केन्द्रीय गृहसचिव आरके सिंह की अध्यक्षता वाली विशेष टास्क फोर्स की बैठक में यह तय किया गया।

बैठक में विभिन्न हेल्पलाइन की स्थिति, पीसीआर वैन, डीटीसी एवं क्लस्टर बस सेवा, डिस्को में कामकाज के घंटे और थानों में महिला हेल्पडेस्क जैसे मुद्दों की समीक्षा की गई।

हेल्पलाइन नंबर 100 की समीक्षा करते हुए गृहसचिव ने निर्देश दिया कि जब कभी भी काल आए, सबसे समीप की पीसीआर वैन को तत्काल पहुंचकर जांच करनी चाहिए। यह भी तय किया गया कि 100 नंबर हेल्पलाइन की लाइनों की संख्या 60 से बढ़ाकर 100 की जाए।

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि गृहसचिव की अध्यक्षता वाली बैठक में यह सहमति भी बनी कि बस के चालक दल के सदस्यों का फोटो पहचान पत्र एक मार्च तक बनकर तैयार हो जाना चाहिए और इसका सत्यापन दिल्ली पुलिस द्वारा होना चाहिए। यदि इस निर्देश का पालन नहीं होता तो दिल्ली पुलिस ऐसे वाहनों को परिचालन की इजाजत नहीं देगी।

इसके अलावा कोई भी स्कूल किसी वाहन को तब तक किराए पर नहीं ले सकेगा, जब तक कि उसके मालिक और चालक दल के सदस्यों का दिल्ली पुलिस सत्यापन न कर ले। टास्कफोर्स ने यह भी तय किया कि पुलिस सत्यापन कराने की प्रक्रिया 1 फरवरी तक पूरी हो जानी चाहिए।

राष्ट्रीय राजधानी में पीसीआर वैन की संख्या अपर्याप्त मानते हुए तय किया गया है कि इन वैन की संख्या बढ़ाई जाएगी और डीटीसी एवं क्लस्टर बसों में जीपीएस लगाकर इसे केन्द्रीय नियंत्रण कक्ष से 1 फरवरी तक जोड़ दिया जाएगा।

मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि एक अन्य हेल्पलाइन 1091, जिसे आम तौर पर महिलाओं की काउंसलिंग (सलाह) के लिए इस्तेमाल किया जाता है, की लाइनों की संख्या फिलहाल दो है, जिसे बढ़ाकर दस या अधिक किए जाने पर सहमति बनी है।

अधिकारी ने बताया कि यह सहमति भी बनी है कि इन हेल्पलाइन पर आने वाले फोन कॉल रिसीव करने के लिए हमेशा महिलाओं की ही तैनाती होनी चाहिए। महिलाओं के साथ अश्लीलता और उनका पीछा करने से संबद्ध हेल्पलाइन नंबर 1096 की भी समीक्षा की गई।

बैठक में सहमति बनी कि किसी भी सूरत में ये हेल्पलाइन संकट का सामना कर रहे व्यक्ति से यह नहीं कहेंगी कि वह किसी अन्य नंबर पर कॉल करे। यदि किसी अन्य फोरम से व्यक्ति का समन्वय करना है तो यह काम भी हेल्पलाइन ही करेगी। बैठक में बसों और बस स्टॉपों की स्थिति की समीक्षा की गई। इस दौरान दिल्ली के मुख्य सचिव और परिवहन आयुक्त मौजूद थे। तय किया गया कि डीटीसी और क्लस्टर बसों में सीसीटीवी और वेबकैम लगाए जाएंगे।

इस बैठक में फैसला लिया गया कि संवेदनशील बस रूटों की पहचान दिल्ली पुलिस करेगी। इन रूटों पर चलने वाली बसों पर सादी वर्दी में पुलिसकर्मी दिन-रात तैनात रहेंगे। सभी संवेदनशील सड़कों, पैदल पारपथों की पहचान की जाएगी और रात के समय उन पर भरपूर रोशनी का इंतजाम होगा।

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अधिकारी ने बताया कि परिवहन विभाग की ओर से जारी होने वाले सभी परमिटों का पुनर्सत्यापन होगा। टास्कफोर्स ने यह भी तय किया कि हर पुलिस थाने पर महिला हेल्पडेस्क होगी, जिस पर महिला स्टाफ तैनात होगी। रात के समय थाने पर कम से कम दो महिला पुलिसकर्मी तैनात होंगी। थाने पर हर महिला हेल्पडेस्क दिल्ली महिला आयोग की मदद से महिला गैर सरकारी संगठनों के स्वयंसेवियों के साथ संबद्ध होंगी।