डीजल वाहनों को सीएनजी में बदलने के विकल्प की तलाश

नई दिल्ली:

एनजीटी ने डीजल से दौड़ने वाली 10 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों को फिलहाल दो हफ्तों के लिए राहत दे दी है, लेकिन केंद्रीय परिवहन मंत्रालय को नए विकल्प तलाशने के लिए करीब 6 महीनों का वक्त चाहिए।

परिवहन मंत्रालय का दावा है कि डीजल से दौड़ने वाली ट्रकों में सीएनजी किट लगाई जा सकती है। ये तकनीक उसके पास है, लेकिन सर्टिफाई करने के लिए उसको थोड़ा वक्त चाहिए। सरकार का शोध अगर सफल हुआ तो आनेवाले दिनों में डीजल से दौड़ने वाले ट्रक सीएनजी से दौड़ेंगे।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सख्ती ने सरकार को सोचने पर मजबूर किया और अब विकल्प के तौर पर परिवहन मंत्रालय के पास ट्रकों को सीएनजी में कन्वर्ट करने का किट है। बस हरी झंडी का इंतज़ार है। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय को ऐसे किट और दूसरे विकल्पों पर काम करने के लिए करीब 6 महीने का वक्त चाहिए लिहाजा वो एनजीटी के आदेश पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है।

उधर, ऑटो एक्सपर्ट कहते हैं कि ऐसे किट ट्रकों में लग सकते हैं, लेकिन सामने चुनौतियां भी हैं। ऑटो एक्सपर्ट टूटू धवन बताते हैं कि 2002-03 में दिल्ली में डीजल पर दौड़ने वाली डीटीसी की दो से तीन हजार बसों में
सीएनजी किट लगाई गई थी और वो प्रयोग सफल हुआ था।

एनजीटी ने सरकार के अंदर रास्ता ढूंढ़ने की चाहत पैदा की। अब सरकार तकनीक के दम पर तकलीफ दूर करने की दिशा में काम कर रही है। संभावना भी है, आशंका भी, लेकिन बीच का रास्ता निकालने की कवायद पर काम चल रहा है।


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