'वन रैक वन पेंशन' की मांग को लेकर पूर्व सैनिक भूख हड़ताल पर

'वन रैक वन पेंशन' की मांग को लेकर पूर्व सैनिक भूख हड़ताल पर

नई दिल्ली : 'वन रैंक, वन पेंशन' की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर रविवार से प्रदर्शन कर रहे पूर्व सैनिकों ने आज से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। केवल दिल्ली में नहीं, बल्कि देश के अलग-अलग हिस्सों में पूर्व सैनिक इस आंदोलन के समर्थन में अनशन कर रहे हैं।

पूर्व सैनिकों का कहना है कि जब तक सरकार 'वन रैंक वन पेंशन' लागू नहीं करती है, तब तक ये लड़ाई जारी रहेगी। 1971 और 1999 में करगिल जंग के दौरान पाकिस्तानियों के छक्के छुड़ाने वाले कर्नल बलबीर सिंह कहते है कि ये बहुत अफसोस की बात है कि हमें अपनी मांगों के लिए सड़क पर आना पड़ा है।

वहीं इंडियन एक्ससर्विस मेन मूवमेंट के चैयरमैन मेजर जनरल सतबीर सिंह कहते हैं, हम फौजी हैं और अनुशासित भी हैं, इसलिए हम शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि आने वाले दिनों में सभी पूर्व सैनिक मिलकर बिहार की राजधानी पटना में एक बड़ी रैली करेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या यह रैली मोदी सरकार के खिलाफ होगी, इस पर सतबीर सिंह ने बस इतना ही कहा, "हम तो लोगों से यही कहेंगे कि पहले की सरकार ने वादा करके इसे लागू नहीं किया और यही काम मौजूदा सरकार भी कर रही है।"

कांग्रेस नेता और पूर्व रक्षा राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह भी जंतर-मंतर पर अनशन पर बैठे पूर्व सैनिकों से मिले। पूर्व सैनिकों से मिलने के बाद जितेंद्र सिंह ने कहा कि यूपीए सरकार ने वन रैंक वन पेंशन लागू करने का बात मान ली थी, अब सरकार इसे लागू करने में क्यों आनाकानी कर रही है।

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उल्लेखनीय है कि रविवार को पूर्व सैनिकों ने हजारों की तदाद में दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दिया था और देश भर के 50 शहरों में प्रदर्शन हुए थे। वैसे रविवार को ही रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने जयपुर में पूर्व सैनिकों से धैर्य रखने की अपील की थी और कहा था कि पिछले 40-50 सालों से देश ने कोई लड़ाई नहीं लड़ी थी, इस कारण सैनिकों का सम्मान कम हो रहा है। जंतर-मंतर पर बैठे पूर्व सैनिकों की साफ मांग है कि सरकार 'वन रैंक वन पेंशन' को लेकर एक डेडलाइन घोषित करे, वरना पूर्व सैनिकों से आर-पार की लड़ाई लड़े।