यह ख़बर 08 अगस्त, 2013 को प्रकाशित हुई थी

गम और गुस्से के बीच पाक हमले में शहीद जवानों की अंत्येष्टि

खास बातें

  • जम्मू-कश्मीर के पुंछ में पाकिस्तानी सैनिकों की मदद से घात लगाकर घुसपैठियों द्वारा किए गए हमले में शहीद जवानों की अंत्येष्टि गम और गुस्से के बीच उनके पैतृक गांवों में कर दी गई।
पटना/ छपरा/ आरा/ कोल्हापुर:

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में पाकिस्तानी सैनिकों की मदद से घात लगाकर घुसपैठियों द्वारा किए गए हमले में शहीद बिहार के चार जवानों की अंत्येष्टि गम और गुस्से के बीच उनके पैतृक गांवों में कर दी गई। इस हमले में 21वीं बिहार रेजिमेंट के शहीद हुए जवानों में पटना जिले के बिहटा थाना क्षेत्र निवासी विजय राय, भोजपुर जिला निवासी शंभू शरण सिंह, और सारण जिला निवासी प्रेमनाथ सिंह और रघुनंदन प्रसाद शामिल थे।

शहीद विजय राय की अंत्येष्टि मनेर के ब्यापुर गांव के समीप गंगा किनारे राजकीय सम्मान के साथ की गई। अंतिम संस्कार से पूर्व पटना के दानापुर स्थित बिहार रेजिमेंट सेंटर के जवानों और बिहार पुलिस के जवानों ने शहीद को अपनी बंदूकें झुकाकर और सैल्यूट कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर बिहार की आपदा प्रबंधन मंत्री रेणु कुशवाहा, भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद, पार्टी के उपाध्यक्ष डॉ सीपी ठाकुर, राजद विधायक भाई वीरेंद्र, पटना के जिलाधिकारी एम श्रवण कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज सहित कई अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

शहीद शंभू शरण सिंह के शव की अंत्येष्टि भोजपुर जिले के जगदीशपुर अनुमंडल के हरनाही गांव में राजकीय सम्मान के साथ की गई। सिंह के दो-वर्षीय पुत्र ने उन्हें मुखाग्नि दी। इससे पूर्व बिहार के खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री श्याम रजक ने सुबह शहीद शंभू शरण सिंह के गांव जाकर उनके शव पर फूल रखकर कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर जिलाधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार की ओर सेघोषित 10 लाख रुपये मुआवजे की राशि का चेक पहुंचा दिया जाएगा। इस पर शहीद के चाचा और सेना से सेवानिवृत्त त्रिलोकी सिंह ने कहा कि हमें मुआवजा नहीं पाकिस्तान के खिलाफ सैनिक कार्रवाई चाहिए।

वहीं सारण जिला के सम्हौता गांव निवासी शहीद जवान प्रेमनाथ सिंह का अंतिम संस्कार रिविलगंज थाना अंतर्गत सरयू नदी के किनारे सिमरिया घाट पर राजकीय सम्मान के साथ किया गया। शहीद प्रेमनाथ के शव को उनके चार-वर्षीय पुत्र प्रतीक रंजन ने मुखाग्नि दी। सारण जिले के एकमा गांव के अविवाहित जवान रघुनंदन सिंह की मांझी थाना अंर्तगत डुमाईगढ घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई। शहीद रघुनंदन को उनके चाचा त्रिभुवन प्रसाद ने मुखाग्नि दी।

इन शहीदों के अंतिम संस्कार से पूर्व छपरा सदर से भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री जर्नादन सिंह सिगरीवाल, राजद के पूर्व मंत्री उदित राय, मढौरा विधायक जितेंद्र कुमार राय और एकमा के जदयू विधायक मनोरंजन सिंह ने उनके पार्थिव शरीर पर फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।

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शहीद 14वें मराठा लाइट इन्फैंट्री के जवान कुंडालिक माणे को हजारों लोगों ने अश्रुपूर्ण विदाई दी। माणे का राजकीय सम्मान के साथ महाराष्ट्र के कोल्हापुर से 22 किलोमीटर दूर पिम्पलागांव में अंतिम संस्कार किया गया। उस दौरान वहां कई शीर्ष सैन्य एवं असैन्य अधिकारी, महाराष्ट्र के गृहमंत्री आरआर पाटिल सहित अन्य मंत्री हर्षवर्धन पाटिल, हसन मुशरिफ और लोकसभा में विपक्ष के उपनेता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गोपीनाथ मुंडे मौजूद थे। वहां मौजूद हजारों लोगों ने 'कुंडालिक माणे अमर रहें' के नारे लगाए और कई ने सरकार से उनकी शहादत को व्यर्थ न होने देने की मांग की। गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले माणे (36) के परिवार में उनकी पत्नी राजश्री, बेटा अमोल और बेटी आरती, भाई और वृद्ध माता-पिता हैं।