यह ख़बर 09 मई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

राजनाथ गिरफ्तार, भट्टा परसौल में धारा 144 लागू

खास बातें

  • यमुना एक्सप्रेसवे पर अब राजनीति तेज़ हो गई है। भट्टा पसरौल गांव जा रहे बीजेपी नेता राजनाथ सिंह को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
नोएडा:

यूपी में यमुना एक्सप्रेसवे की विवादित ज़मीन पर अब राजनीति तेज़ हो गई है। बीजेपी किसानों के विरोध के मामले में राज्य में काला दिवस मना रही है। बीजेपी ने किसानों के खिलाफ़ हिंसा रोकने और इस मामले की जांच की मांग की है। इसी सिलसिले में भट्टा पसरौल गांव जा रहे बीजेपी नेता राजनाथ सिंह को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इसी मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल सिंह यादव ग्रेटर नोएडा के भट्टा पारसौल गांव जा रहे थे लेकिन यूपी पुलिस ने उन्हें दिल्ली−नोएडा फ्लाईओवर पर हिरासत में ले लिया। इसके साथ ही भट्टा पसरौल गांव में धारा 144 लागू कर दी गई है। प्रशासन ने मीडिया के गांव में घुसने पर रोक लगा दी है। गौरतलब है कि ज़मीन के मुआवजे को लेकर ग्रेटर नोएडा से शुरू हुआ हिंसक प्रदर्शन अलीगढ़ के टप्पल और आगरा के चौगान गढ़ी तक फैल गया है। आगरा में किसानों ने यमुना एक्सप्रेसवे बनाने वाले इंजीनियरों के घर जला डाले वहीं अलीगढ़ के टप्पल में किसानों ने मजदूरों की झोपड़ियों और जेसीबी मशीनों पर हमला बोला। हालात को देखते हुए बड़ी संख्या में यहां पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पुलिस का कहना है कि हम नाराज़ किसानों को समझा−बुझाकर शांत करने की कोशिश कर रहे हैं। ग्रेटर नोएडा के भट्टा पसरौली गांव में सन्नाटा फैला हुआ है। इसी गांव में शनिवार को जबरदस्त हिंसा और आगजनी हुई थी। गांव वालों का आरोप है कि पुलिस ने उनके घर में घुसकर तोड़−फोड़ की है। पुलिस से डरे लोग गांव छोड़कर भाग गए हैं। इस हिंसा में यहां दो पुलिस वालों और तीन किसानों की मौत हो चुकी है। किसानों का मुकाबला करने के लिए सुरक्षाबलों की 12 कंपनियां और रैपिड एक्शन फोर्स भी तैनात कर दी गई है। ये किसान यमुना एक्सप्रेसवे के लिए ली गई अपनी ज़मीन के लिए ज्यादा मुआवजे की मांग कर रहे थे। किसानों की ज़मीन के मुआवजे के मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है। मायावती का कहना है कि किसानों को दूसरे दल भड़का रहे हैं। वहीं विपक्षी पार्टियां इसमें हुई हिंसा के कारण मायावती से इस्तीफा मांग रही हैं। लोकदल के नेता अजीत सिंह को भट्टा पसरौला गांव नहीं पंहुचने दिया गया और नोएडा में ही उन्हें थोड़े समय के लिए गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं जेडीयू नेता शरद यादव भी इस सारे विवाद से नाराज़ हैं। उन्होंने कहा कि संसद में कानून बनने तक किसी की ज़मीन नहीं ली जानी चाहिए।


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