यह ख़बर 02 दिसंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

'लोकपाल विधेयक से बचने को एफडीआई का बहाना'

खास बातें

  • अन्ना हजारे ने केंद्र पर आरोप लगाया कि वह बहु-ब्रांड खुदरा कारोबार में फडीआई पर बने संसदीय गतिरोध को जानबूझकर बनाए हुए है।
रालेगण सिद्धी:

वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने शुक्रवार को केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह बहु-ब्रांड खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर बने संसदीय गतिरोध को जानबूझकर बनाए हुए है ताकि उसे बहाना मिल सके कि इसकी वजह से उसे लोकपाल विधेयक संसद में लाने का मौका नहीं मिला। उन्होंने कहा, "कई पार्टियां खुदरा कारोबार में एफडीआई का विरोध कर रही हैं लेकिन सरकार अपने रुख पर अड़ी हुई है। यह किस तरीके का लोकतंत्र है।" अन्ना हजारे ने कहा, "मुझे जो लगता है वह यह है कि सरकार सामाजिक संगठन द्वारा तैयार जन लोकपाल विधेयक को संसद में लाना नहीं चाहती इसलिए वह एफडीआई पर बने गतिरोध को लम्बा खींच रही है। सरकार की मंशा जनलोकपाल विधेयक लाने की नहीं है इसलिए वह संसदीय गतिरोध को जारी रखे हुए है।" ज्ञात हो कि एफडीआई सहित अन्य मुद्दों पर संसद की कार्यवाही पिछले नौ दिनों से नहीं चल सकी है। सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि वह अगले साल की शुरुआत में पांच राज्यों की यात्रा करने की सोच रहे हैं। इन राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। उन्होंने कहा, "मैं लोगों को जागरूक करने के लिए पांच राज्यों का दौरा करूंगा और प्रत्येक राज्य में दो से तीन दिनों तक धरना दूंगा।"


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