Exclusive: संजीव चतुर्वेदी बोले- 'न खाऊंगा न खाने दूंगा' बयान पर अमल करने की कोशिश की

Exclusive: संजीव चतुर्वेदी बोले- 'न खाऊंगा न खाने दूंगा' बयान पर अमल करने की कोशिश की

नई दिल्ली:

2002 बैच के वन सेवा अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को रैमन मैग्सेसे अवॉर्ड देने की घोषणा हुई है। संजीव ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, 'भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना ही मेरी गलती थी और इस मुहिम में मुझे बार-बार परेशान किया गया।'

उन्होंने कहा, 'मैंने पीएम नरेंद्र मोदी के 'ना खाऊंगा ना खाने दूंगा' के बयान पर अमल करने की कोशिश की थी। जब मैं एम्स और हरियाणा में भी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहा था तो मेरे खिलाफ हर तरह के झूठ फैलाए गए।'

भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग लड़ने वाले संजीव को अब फिलिपीन्स सरकार ने मैग्सेसे अवॉर्ड देने की घोषणा की गई है। संजीव दूसरे सर्विंग ब्यूरोक्रेट हैं, जिन्हें इस अवॉर्ड से नवाजा जाएगा। इससे पहले किरण बेदी को भी इस अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। इसके अलावा एनजीओ 'गूंज' के संस्थापक अंशु गुप्ता को भी मैग्सेसे अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

चतुर्वेदी एम्स में कई भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने के लिए जाने जाते हैं और पिछले साल जब उन्हें एम्स के सीवीओ पद से हटाया गया तो बड़ा विवाद हुआ था। हरियाणा काडर के अफसर संजीव ने अपने राज्य में भी भ्रष्टाचार के कई मामलों को उजागर किया था।