यह ख़बर 09 दिसंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

कोलकाता आग में मरनेवालों की संख्या 90 हुई

खास बातें

  • प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने भी मारे गए लोगों के प्रति गहरा शोक जताते हुए उनके परिजनों को दो-दो लाख की अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया है।
Kolkata:

एएमआरआई के हेल्पलाइन नंबर : 09831225067, 09932215296, 09831225067कोलकाता के धकुरिया में स्थित एएमआरआई (AMRI) अस्पताल में लगी भीषण आग से अब तक कम से कम 90 लोगों के मारे जाने तथा अनेक अन्य के बुरी तरह झुलस जाने की ख़बर है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अस्पताल का दौरा करने के बाद कहा कि अस्पताल ने आग से बचाव के नियमों का पालन नहीं किया था, जो एक अक्षम्य अपराध है, और इसके लिए दोषियों को कड़े से कड़ा दंड दिलाया जाएगा। इस बीच, हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवज़ा देने की घोषणा भी की गई है। यही नहीं ममता के निर्देश पर अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है जिसके बाद अस्पताल के मालिकों आरके गोयनका और एसके तोड़ी ने सरेंडर कर दिया है।उधर, प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने भी मारे गए लोगों के प्रति गहरा शोक जताते हुए उनके परिजनों को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया है।बताया जा रहा है कि आग रात को लगभग ढाई बजे अस्पताल के बेसमेंट से शुरू हुई, जहां कोई जहरीला पदार्थ रखा गया था, जिसकी वजह से आग और भयानक हो गई, लेकिन आग पर काबू पाने के लिए दमकल की पहली गाड़ी काफी देर बाद लगभग साढ़े पांच बजे वहां पहुंची। अस्पताल में दाखिल होने के लिए फायर अफसरों को खिड़की के शीशे तोड़ने पड़े। 25 से अधिक दमकल वाहन वहां पहुंच चुके हैं, और लोगों को निकालने का काम जारी है। अब भी कई लोगों के अस्पताल में ही फंसे होने की ख़बर मिली है, और चारों तरफ फैले धुएं की वजह से बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही हैं। खबर आ रही है कि अब भी कई लोग आईसीयू और क्रिटिकल केयर यूनिट्स में फंसे हुए हैं, जिसमें मरीज, डॉक्टर और नर्सें शामिल हैं। दमकल कर्मी अस्पताल में रखे ऑक्सीजन सिलेंडरों को भी निकालने की कोशिश में लगे हैं, क्योंकि वे कभी भी फट सकते हैं। इस अस्पताल में आग लगने की यह दूसरी घटना है। इससे पहले यहां 2008 में भी आग लगी थी। अग्निशमन सूत्रों ने बताया कि आग पूर्ण वातानुकूलित इमारत के भूतल में स्थित विद्युत केंद्र से शुरू हुई और तेजी से फैल गई। तीसरी और इससे ऊपर की मंजिलें सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं। मौके पर 25 दमकल गाड़ियां भेजी गईं, लेकिन संकरी सड़कों की वजह से इन्हें धुएं से घिरी इमारत तक पहुंचने में वक्त लगा। आईसीयू, आईसीसीयू, आईटीयू और क्रिटिकल केयर यूनिट में फंसे मरीजों को बचाने के लिए दमकल कमर्चारियों ने आग और धुएं से घिरी इमारत की खिड़कियां तोड़ दीं। अग्निशमन सेवा मंत्री जावेद खान ने बताया कि आग उच्च ज्वलनशील सामग्री के भंडार की वजह से फैल गई। उन्होंने बताया कि अस्पताल में भी आग से निपटने के उपयुक्त उपकरण नहीं थे।


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