यह ख़बर 18 दिसंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

खाद्य सुरक्षा विधेयक को मिली कैबिनेट की मंजूरी

खास बातें

  • केंद्र ने गरीबों को सस्ते अनाज का कानूनी अधिकार दिलाने के उद्देश्य से प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा विधेयक के मसौदे को मंजूरी दे दी।
नई दिल्ली:

केंद्र ने गरीबों को सस्ते अनाज का कानूनी अधिकार दिलाने के उद्देश्य से प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा विधेयक के मसौदे को मंजूरी दे दी। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की प्रमुख सोनिया गांधी की इस दिली योजना के लागू होने से देश की 63.5 प्रतिशत आबादी को कानूनी तौर पर तय सस्ती दर से अनाज का हक हासिल हो जाएगा। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी गई। बैठक में शामिल एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया कि इस विधेयक के मसौदे को मंजूरी मिल गई है। पिछले सप्ताह मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर फैसला टाल दिया गया था। इस दिन इस विधेयक पर चर्चा के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला था और कृषि मंत्री शरद पवार द्वारा अनाज की उपलब्धता और सब्सिडी का बोझ ऊंचा होने को लेकर कुछ चिंता जताई थी। अब इस विधेयक को एक-दो दिन में संसद के चालू सत्र में पेश किया जा सकता है। इस कानून के लागू होने के बाद सरकार का खाद्य सब्सिडी पर खर्च 27,663 करोड़ रुपये बढ़कर 95,000 करोड़ रुपये सालाना हो जाएगा। इस पर अमल के लिए खाद्यान्न की जरूरत मौजूदा के 5.5 करोड़ टन से बढ़कर 6.1 करोड़ टन पर पहुंच जाएगी।


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