मायावती को अपशब्द कहने वाले दयाशंकर सिंह को बीजेपी ने निकाला, एफआईआर भी हुई दर्ज

मायावती को अपशब्द कहने वाले दयाशंकर सिंह को बीजेपी ने निकाला, एफआईआर भी हुई दर्ज

बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह....

खास बातें

  • BSP में टिकट वितरण का जिक्र करते सीमा लांघ गए थे दयाशंकर सिंह
  • मायावती ने इस बयान के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन की चेतावनी दी थी
  • अरुण जेटली ने बीजेपी नेता के इस बयान पर संसद में खेद जताया था
नई दिल्ली:

मायावती के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करने वाले दयाशंकर सिंह पर बेहद कड़ी कार्रवाई करते हुए बीजेपी ने उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया है। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने उन्हें पार्टी से बर्खास्त कर दिया। इससे कुछ घंटे पहले उन्होंने सिंह को सभी संगठनात्मक जिम्मेदारियों से मुक्त करने की घोषणा की थी। बीजेपी सूत्रों ने कहा कि पार्टी के नियमों के तहत सिंह छह साल तक पार्टी से बाहर रहेंगे।

दयाशंकर सिंह के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज
इसके अलावा दयाशंकर सिंह के खिलाफ बसपा नेताओं की शिकायत पर लखनऊ में एससी/एसटी एक्‍ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। उनके खिलाफ बुधवार देर रात राजधानी के हजरतगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। बसपा नेता मेवालाल गौतम की तरफ से दर्ज प्राथमिकी में दयाशंकर सिंह के खिलाफ एससी/एसटी एक्‍ट तथा भारतीय दंड सहिता की धाराएं लगाई गई हैं। प्राथमिकी के साक्ष्य के रूप में सिंह द्वारा मऊ में मायावती के खिलाफ की गई टिप्पणी की रिकॉर्डिग की सीडी भी प्रस्तुत की गई है। बसपा ने इस मामले में दयाशंकर सिंह की तत्काल गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन करने का भी ऐलान किया है।

इससे पहले मामले के तूल पकड़ने के बाद बीजेपी ने सख्त कार्रवाई करते हुए दयाशंकर सिंह को उपाध्यक्ष पद से हटा दिया है। हालांकि दयाशंकर ने अपने बयान के लिए माफी मांग ली थी। उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि अगर मेरी बात से कोई आहत है, तो मैं खेद प्रकट करता हूं।

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने संवाददाताओं से कहा 'दयाशंकर सिंह को उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। उन्हें पार्टी की जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया है। ऐसी भाषा का उपयोग करने वाले व्यक्ति का बीजेपी में कोई स्थान नहीं है।' उन्होंने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को बयान देने में भाषा का ध्यान रखने की ताकीद करते हुए कहा है कि किसी पर टिप्पणी करने में मर्यादा का ध्यान रखें।

गौरतलब है कि बीएसपी में कथित तौर पर मोटी रकम लेकर टिकट बेचे जाने को लेकर दयाशंकर ने मायावती पर ऐसी टिप्पणी कर दी थी जिसने सियासी बवाल को जन्म दे दिया है। दयाशंकर ने कहा था, 'मायावती टिकट बेच (चुनाव लड़ने के लिए) रही हैं...वे बेहद बड़ी नेता हैं, तीन बार की मुख्यमंत्री... लेकिन वे उन्हें टिकट दे रही हैं जो उन्हें एक करोड़ रुपये दे रहा है। यदि दोपहर को कोई दो करोड़ रुपये लेकर आ जाएगा तो वे उसे टिकट दे देंगी। यदि कोई शाम को तीन करोड़ लेकर आएगा तो वे पिछले प्रत्याशी का टिकट खारिज करते हुए उसे बतौर प्रत्याशी चुन लेंगी। उनका चरित्र..... से भी बदतर है।'

दयांशकर सिंह के इस बयान आज संसद में खूब हंगामा हुआ, जहां बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने पर देशभर में विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी थी। मामले में सख्‍त तेवर अपनाने के संकेत देते हुए बीएसपी सुप्रीमो ने संसद में कहा, 'देश को उस नेता को माफ नहीं करना चाहिए जिसने मुझे अपशब्‍द कहे।' संसद में इस दौरान कई नेता उनके पक्ष में खड़े नजर आए। मायावती ने कहा, 'संसद में और बाहर, ज्‍यादातर लोग मुझे 'बहनजी' या 'बहन' कहकर संबोधित करते हैं। ऐसे में जिस शख्‍स ने मेरे लिये ऐसा बयान देकर मुझे नहीं बल्कि अपनी बहन को ही अपशब्‍द कहे हैं। उन्‍होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा , 'यदि इस व्‍यक्ति के खिलाफ उसकी पार्टी (बीजेपी) ने कार्रवाई नहीं की तो पूरे देशभर में प्रदर्शन किये जाएंगी।'

दयाशंकर सिंह के बयान पर अरुण जेटली ने जताया खेद
वहीं केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने बीजेपी नेता के इस बयान पर खेद व्यक्त किया। राज्यसभा में जेटली ने कहा, 'यह सही नहीं है और मैं ऐसे शब्दों के उपयोग की निंदा करता हूं और अगर किसी व्यक्ति ने ऐसा कहा है तो हम इसकी जांच करेंगे। मैं निजी तौर पर खेद व्यक्त करता हूं। मैं आपके सम्मान के साथ संबद्ध हूं और आपके साथ खड़ा हूं।' वहीं केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी इस टिप्पणी पर खेद जताया था। उन्होंने कहा कि हमारे बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन हम मायावती जी का आदर करते हैं।

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के इस बयान के बाद दयाशंकर ने भी अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांग ली थी, हालांकि यह उनका उपाध्यक्ष पद बचाने के लिए काफी साबित नहीं हुआ। सिंह ने बलिया में कहा कि मायावती छोटे परिवार से निकली बड़ी नेता हैं। उनका मकसद किसी को दुख या किसी के सम्मान को ठेस पहुंचाना नहीं था। अगर उनके मुंह से कोई ऐसी बात निकल गई हो, तो वह इसके लिए माफी चाहते हैं। गौरतलब है कि दयाशंकर सिंह ने पिछले माह यूपी विधान परिषद का चुनाव लड़ा था और उन्हें इसमें हार का सामना करना पड़ा था। (इनपुट भाषा से)


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