कोलकाता में जुटे मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री के सवाल पर ममता ने लालू से कहा, 'आप लोग बन जाओ'

कोलकाता में जुटे मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री के सवाल पर ममता ने लालू से कहा, 'आप लोग बन जाओ'

विमान में लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार

कोलकाता:

ममता बनर्जी ने आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत की है। उनके शपथ ग्रहण समारोह पर कई नामी चेहरे नज़र आए। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके राजनीतिक पार्टनर लालू यादव भी इस मौके पर उपस्थित होने के लिए इंडिगो फ्लाइट की इकॉनोमी क्लास में बैठकर कोलकाता पहुंचे।

यह जीत पहले से है बड़ी
2011 की तुलना में इस बार बनर्जी ने ज्यादा बड़े स्तर पर जीत हासिल की है और यही वजह है कि 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के खिलाफ एकजुट हो रही कई क्षेत्रीय पार्टियों के राजनीतिक फ्रंट में उन्हें एक अहम नेता के रूप में देखा जा रहा है।

इस जीत के बाद ममता की राजनीतिक पूछ कितनी बढ़ गई है इसका अंदाज़ा कार्यक्रम में आगे की सीट पर बैठे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप्र के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से लगाया जा सकता है।
 



लालू ने बताया पीएम बनने के सवाल पर क्या बोलीं ममता
अपने चिर-परिचित अंदाज़ में लालू यादव कहते हैं कि 'मैंने उनसे पूछा कि क्या वह पहली बंगाली प्रधानमंत्री बनेंगी तो उन्होंने कहा कि आप लोग बन जाओ।' पिछले हफ्ते अपनी जीत के बाद एनडीटीवी से बातचीत में बनर्जी ने पीएम बनने के सवाल पर कहा था कि वह एक आम इंसान हैं और VIP की जगह LIP (Least Important Person) की तरह पहचानी जाना चाहती हैं। हालांकि उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि उनके कई ऐसे दोस्त हैं, जिनके साथ वह बीजेपी-विरोधी गठबंधन के बारे में बात कर सकती हैं। नाम पूछे जाने पर उन्होंने अरविंद केजरीवाल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक का नाम लिया। कांग्रेस के नाम पर उन्होंने कुछ खास प्रतिक्रिया नहीं दी। लालू ने कहा कि पटना जाने से पहले वह और नीतीश एक मुलाकात बनर्जी से करना चाहेंगे। उन्होंने साफ कहा कि 'बाकी नेताओं के साथ भी जल्द ही एक बड़ी बैठक होगी। बीजेपी तो गई समझो।'

कौन बनेगा अगला पीएम
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते आए विधानसभा चुनावों में असम और केरल में कांग्रेस ने मुंह की खाई है, इसके बावजूद पार्टी का कहना है कि उसके बगैर बीजेपी विरोधी गठबंधन बनना मुमकिन नहीं है क्योंकि वही एकमात्र राष्ट्रीय पार्टी है। वहीं असम में जीत और बंगाल-केरल में सीट की बढ़ोतरी से लगता है कि बीजेपी अपने गढ़ के बाहर भी धीरे-धीरे पैर पसारने में सफल हो रही है। एक तरफ बनर्जी की लोकप्रियता और ताकत ने सत्ता पर एक बार फिर कब्ज़ा जमाया है और दूसरी तरफ केंद्र सरकार अपनी दूसरी सालगिरह का जश्न मना रही है। इन सबके बीच अब बीजेपी और उसके खिलाफ खड़ी होने वाली पार्टियों के लिए अगला लक्ष्य है 2019 का लोकसभा चुनाव जो उसकी रातों की नींद उड़ाने वाला है - देखना होगा कि कौन बनेगा अगला प्रधानमंत्री?

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