यह ख़बर 04 मई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

माओवादियों की कैद से छूटने के बाद डीएम एलेक्स पॉल पहुंचे सुकमा

खास बातें

  • छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के डीएम एलेक्स पॉल मेनन माओवादियों की कैद से छूटने के बाद सुबह अपने आधिकारिक बंगले पर पहुंचे, जहां परिवार वालों ने उनका स्वागत किया।
रायपुर:

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन 12 दिन तक नक्सलवादियों की कैद में रहने के बाद सकुशल घर पहुंच गए हैं। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में स्थित सुकमा जिले के कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन शुक्रवार सुबह हेलीकॉप्टर से माओवादियों के मध्यस्थ बीडी शर्मा और प्रोफेसर हरगोपाल के साथ चिंतलनार से सुकमा पहुंचे।

सुकमा पहुंचने के बाद कलेक्टर सीधे अपने सरकारी आवास पहुंचे। इस दौरान उनके साथ बस्तर क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। घर पहुंचने के बाद वहां मौजूद उनकी पत्नी आशा मेनन और उनके परिजनों ने आरती उतारकर उनका स्वागत किया। वहीं मेनन ने वहां मौजूद लोगों से कहा कि वे स्वस्थ्य हैं और उन्होंने सबको धन्यवाद दिया।

राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार की शाम मेनन के रिहा होने के बाद उन्हें चिंतलनार में स्थित सीआरपीएफ के शिविर में ले जाया गया तथा उनके स्वास्थ्य की जांच की गई। राज्य के वरिष्ठ अधिकारी कलेक्टर मेनन से अभी तक के घटनाक्रम के बारे में जानकारी लेंगे। एलेक्स पॉल का माओवादियों ने 21 अप्रैल को जिले के मांझीपारा गांव से अपहरण कर लिया था। इस दौरान माओवादियों ने उनके दो सुरक्षाकर्मियों की हत्या भी कर दी थी।

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कलेक्टर की रिहाई के लिए राज्य सरकार की ओर से मध्यस्थ निर्मला बुच और एसके मिश्रा तथा माओवादियों की ओर से बीडी शर्मा और प्रोफेसर हरगोपाल ने पांच दौर की लंबी बातचीत की थी। इसके बाद राज्य सरकार और माओवादियों के वार्ताकारों के मध्य एक समझौता हुआ, जिसके तहत राज्य के जेलों में बंद आदिवासियों के मामले की जांच और सुनवाई की प्रगति की समीक्षा के लिए निर्मला बुच की अध्यक्षता में एक उच्चाधिकार समिति का गठन किया गया है। इसके बाद माओवादियों ने 12 दिनों के बाद गुरुवार को ताड़मेटला में कलेक्टर मेनन को अपने मध्यस्थ बीडी शर्मा और प्रोफेसर हरगोपाल को सौंप दिया था। इसके बाद कलेक्टर मेनन चिंतलनार में ही रुक गए थे तथा शुक्रवार सुबह अपने घर सुकमा पहुंचे।