यह ख़बर 08 मई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

पारिवारिक कारोबार के लिए लोन को लेकर नई मुसीबत में पवन बंसल

खास बातें

  • 2007 में थिऑन फार्मास्यूटिकल्स कारोबार बिल्कुल शून्य का था। 2008 में उसका कारोबार 18 करोड़ का हो गया। 2009 में 41 करोड़ और अब 2012 में ये 150 करोड़ का हो गया है।
नई दिल्ली:

रेलमंत्री पवन कुमार बंसल के मंत्री बनने के बाद से उन कंपनियों की किस्मत बदल गई, जिनमें उनके परिवार का पैसा लगा हुआ था। ऐसी ही एक कंपनी थिऑन फार्मास्यूटिकल्स है, जिसमें करीब 50 फीसदी हिस्सा बंसल परिवार का है।

2007 में थिऑन फार्मास्यूटिकल्स कारोबार बिल्कुल शून्य का था। 2008 में उसका कारोबार 18 करोड़ का हो गया। 2009 में 41 करोड़ और अब 2012 में ये 150 करोड़ का हो गया है।

थिऑन फार्मास्यूटिकल्स की तरक्की का आलम यह है कि उसकी दवाओें पर सवाल भी उठे। स्वास्थ्य कल्याण की संसदीय समिति ने थिऑन फार्मा पर सवाल उठाए।

रेल मंत्री पवन बंसल की पत्नी मधु बंसल के थिऑन में 15 फीसदी शेयर हैं। बंसल के एक बेटे अमित बंसल कंपनी के प्रबंध निदेशक हैं।

इसके साथ ही रेलमंत्री पवन बंसल के पूर्व चार्टर्ड एकाउंटेंट सुनील गुप्ता पर थियॉन फार्मा को 50 करोड़ का लोन दिलवाने के आरोप लग रहे हैं। गुप्ता को 2007 में सरकार ने कैनरा बैंक में नॉन ऑफिसियल डायरेक्टर मनोनीत किया था।

2007 में बंसल केंद्र सरकार में वित्त राज्यमंत्री थे। इसके बाद 2010 में उन्हें शेयरहोल्डर डायरेक्टर नियुक्त कर दिया गया। सुनील गुप्ता 1988 तक पवन बंसल के सीए रहे।
 
कैनरा बैंक ने चार साल के लिए थियॉन फार्मा को 10 करोड़ का लोन दिया, वहीं सुनील गुप्ता का कहना है कि बतौर डायरेक्टर उन्हें 400 करोड़ से कम लोन की मंजूरी का अधिकार नहीं है और बंसल परिवार को लोन दिलवाने में उनका कोई रोल नहीं है।

बता दें कि सीबीआई ने रेलमंत्री पवन बंसल को क्लीन चिट नहीं दी है। सूत्रों के मुताबिक, उनसे जल्द पूछताछ होगी। उनके रिश्तेदारों को रेलवे में प्रमोशन के लिए 2 करोड़ की घूस लेने के आरोप में पहले ही पकड़ा जा चुका है।

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सीबीआई के पास इस बात के सबूत हैं कि रेलवे घूसकांड के मुख्य आरोपी विजय सिंघला का नियमित रेल मंत्रालय आना−जाना था। सिंगला के कॉल ब्योरे बताते हैं कि उसकी अफसरों और रेलमंत्री से लगातार बात होती थी।