यह ख़बर 17 अगस्त, 2013 को प्रकाशित हुई थी

जीजेएम ने तृणमूल से समर्थन वापस लिया

खास बातें

  • पृथक गोरखालैंड की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने शनिवार को राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ अपना तेवर कड़ा करते हुए शनिवार को कहा कि उसके तीन विधायक अब राज्य विधानसभा में विपक्ष में बैठेंगे।
दार्जिलिंग:

पृथक गोरखालैंड की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने शनिवार को राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ अपना तेवर कड़ा करते हुए शनिवार को कहा कि उसके तीन विधायक अब राज्य विधानसभा में विपक्ष में बैठेंगे।

जीजेएम के महासचिव रोशन गिरि ने कहा, "हमने राज्य सरकार के हमारे लोकतांत्रिक आंदोलन को कुचलने के प्रयास का ठोस विरोध करने का फैसला लिया है।" उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी को हमने अपने फैसले से अवगत करा दिया है।

जीजेएम के तीन विधायक हैं। ये विधायक दार्जिलिंग, कलिंपोंग और कुर्सियांग विधानसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

यह फैसला गोरखालैंड राज्य की मांग कर रही अन्य पार्टियों के साथ मिलकर जीजेएम द्वारा गठित गोरखालैंड ज्वाइंट एक्शन कमेटी (जीजेएसी) द्वारा शुरू किए गए पांच दिवसीय 'घर भित्र जनता' आंदोलन शुरू होने से एक दिन पहले लिया गया है।

जीजेएम ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एमके नारायणन द्वारा गोरखालैंड पर बातचीत करने की इच्छा जताने के बाद शनिवार को कहा कि वह उनके साथ बातचीत को तैयार है लेकिन संगठन ने केंद्र सरकार से बातचीत को 'ज्यादा बेहतर' माना है।

गिरि ने कहा, "यदि राज्यपाल चाहते हैं तो हम उनसे बातचीत कर सकते हैं, लेकिन गोरखालैंड को पृथक राज्य का दर्जा केंद्र सरकार से संबंधित हैं इसलिए हम केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत करना ज्यादा उचित समझते हैं।"

पृथक गोरखालैंड के लिए जीजेएम ने दर्जिलिंग जिले में 3 अगस्त से अपना आंदोलन तेज करते हुए अनिश्चितकालीन बंद का आयोजन कर रखा है। संगठन ने हालांकि यह साफ कर दिया है कि वह ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस सरकार से कोई बातचीत नहीं करेगा।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

नारायणन ने पहले इस मुद्दे पर मध्यस्थता करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि राज्यपाल होने के नाते वह मध्यस्थता नहीं कर सकते। बाद में उन्होंने कहा कि वे जीजेएम से बातचीत करना चाहते हैं।