वायु सेना के मानदंडों पर खरा नहीं उतरता तेजस मार्क-1 विमान, CAG ने गिनाई 53 खामियां

वायु सेना के मानदंडों पर खरा नहीं उतरता तेजस मार्क-1 विमान, CAG ने गिनाई 53 खामियां

तेजस विमान की तस्वीर

नई दिल्ली:

भारत की तेजस हल्के लड़ाकू विमान की परियोजना की कैग ने जमकर आलोचना की है और इसके मार्क-1 संस्करण में 53 महत्वपूर्ण कमियों की ओर इशारा किया, जिन्होंने इसकी परिचालन क्षमताओं को कम किया है।

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने संसद में पेश रिपोर्ट में कहा कि बस इतना ही नहीं, वायुसेना एक प्रशिक्षक मॉडल की उपलब्धता के बिना लड़ाकू एलसीए को शामिल करने के लिए मजबूर होगी और इससे पायलट ट्रेनिंग पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।

कैग ने कहा कि एलसीए के निर्माण और आपूर्ति में देरी की वजह से वायुसेना को वैकल्पिक अस्थाई कदम उठाने पड़े, जिनमें मिग बीआईएस, मिग-29, जगुआर और मिराज विमानों को 20,037 करोड़ रुपये की लागत से उन्नत करना और मिग-21 विमानों को चरणबद्ध तरीके से हटाने पर पुनर्विचार करना शामिल है।

कैग ने खामियां गिनाते हुए कहा कि एलसीए मार्क-1 वायुसेना के लिए जरूरी इलेक्ट्रॉनिक युद्धक क्षमताएं पूरी करने में विफल रहा है क्योंकि कुछ अड़चनों की वजह से विमान में आत्मरक्षा जैमर नहीं लगाया जा सका।

उसने कहा कि मार्क-1 की खामियां मार्क-2 मॉडल में खत्म होने की उम्मीद है। इन खामियों में बढ़ा हुआ वजन, ईंधन क्षमता में कमी, ईंधन प्रणाली की सुरक्षा का पालन नहीं करना आदि हैं।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

कैग के मुताबिक, 'एलसीए मार्क-1 की खामियां दिसंबर 2018 तक एलसीए मार्क-2 में समाप्त होने की उम्मीद है।' एलसीए के स्वदेश में निर्माण की परियोजना को 1983 में 560 करोड़ रुपये की लागत से मंजूरी दी गई थी। वक्त वक्त पर बढ़ते-बढ़ते यह 10397.11 करोड़ रुपये पहुंच गई।