गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में विपक्ष को समझाया कि बीजेपी का मुख्यमंत्री के बयान से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन विपक्ष लोकसभा में हंगामा करता रहा और मांग की कि इस बयान में प्रधानमंत्री का नाम लिया गया है इसीलिए उन्हें ही संसद में स्पष्ट करना होगा।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस पर कहा कि मैं यह बयान प्रधानमंत्री के साथ चर्चा करके और उनकी सहमति के बाद दे रहा हूं। जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण ढंग से विधानसभा चुनाव कराने का श्रेय चुनाव आयोग, सेना, अर्धसैनिक बलों और राज्यों के लोगों को जाता है। राजनाथ के बयान के बावजूद संसद में हंगामा होता रहा।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने संसद के बाहर आकर एनडीटीवी इंडिया से कहा कि बीजेपी बैकफुट पर नहीं है, पर मुफ्ती साहब के बयान का समर्थन नहीं करती।
उधर, कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर लोकसभा से वॉकआउट किया। उनके साथ समाजवादी पार्टी और लेफ्ट पार्टीज ने भी
प्रधानमंत्री की सफाई की मांग की। जब स्पीकर ने नेता विपक्ष खड़गे को बोलने नहीं दिया तब कांग्रेस ने वॉकआउट किया। इससे पहले सोनिया गांधी भी सभी से वॉकआउट करने के लिए कहती हुईं दिखाई दी।
बाहर आकर कांग्रेसी नेता शशि थरूर ने एनडीटीवी इंडिया से कहा कि मुफ़्ती साहब ने कहा था कि उन्होंने प्रधानमंत्री को सभी कुछ बता दिया है। वह हम जानना चाहते हैं कि क्या बताया है, जम्मू-कश्मीर में मतदान का श्रेय फौज और वहां के लोगों को जाता है न कि आतंकवादियों को। थरूर ने कहा, यह एक अटपटी शादी थी, हनीमून पीरियड एक दिन भी नहीं रहा।
वहीं, सीएम मुफ्ती ने अपने बयान पर कायम रहते हुए एक बार फिर कहा, पाकिस्तान, हुर्रियत ने भारत में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को स्वीकार कर लिया है और उस तरह से दखलअंदाजी नहीं की, जिस तरह से वे किया करते थे।
पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने एनडीटीवी से कहा कि उनके पिता और राज्य के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने जो कहा, उसमें कुछ आपत्तिनजक नहीं है। उनका कहना है कि लोकसभा चुनावों के मुकाबले इस बार हिंसा कम हुई है।
उन्होंने कहा कि अगर किसी को लगता है कि मेरे पिता कहेंगे कि पाकिस्तान पर बम गिरा दें तो वह ऐसे आदमी नहीं हैं। बीजेपी से किसी ने भी इस मुद्दे पर हमसे बात नहीं की है।
गौरतलब है कि सईद ने जम्मू में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, 'मैं ऑन रिकॉर्ड कहना चाहता हूं और मैंने प्रधानमंत्री से कहा है कि राज्य में विधानसभा चुनावों के लिए हमें हुर्रियत, आतंकवादी संगठनों को श्रेय देना चाहिए।' इस शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए।