यह ख़बर 13 जून, 2013 को प्रकाशित हुई थी

सीबीआई के कामकाज में व्यापक बदलाव के पक्ष में नहीं लगती सरकार

खास बातें

  • केंद्र सरकार सीबीआई के कामकाज में केवल मामूली बदलाव ही कर सकती है। एजेंसी को और अधिक अधिकार देने के लिहाज से बनाया गया मंत्रिसमूह (जीओएम) उच्चतम न्यायालय में दाखिल करने के लिए अपने हलफनामे को 24 जून को अंतिम रूप देगा और अभी तक सीबीआई को इसके सामने पक्ष रख
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार सीबीआई के कामकाज में केवल मामूली बदलाव ही कर सकती है। एजेंसी को और अधिक अधिकार देने के लिहाज से बनाया गया मंत्रिसमूह (जीओएम) उच्चतम न्यायालय में दाखिल करने के लिए अपने हलफनामे को 24 जून को अंतिम रूप देगा और अभी तक सीबीआई को इसके सामने पक्ष रखने के लिए नहीं बुलाया गया है।

वित्तमंत्री पी चिदंबरम की अध्यक्षता वाले जीओएम की गुरुवार को हुई तीसरी बैठक में इस तरह की भावना व्यक्त की गई कि कमियों को पाटने की जरूरत है और 3 जुलाई को उच्चतम न्यायालय में दाखिल करने से पहले कैबिनेट के समक्ष रखने के लिए हलफनामे को अगली बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा।

जीओएम में अटार्नी जनरल जी ई वाहनवती भी शामिल हुए। इसमें दूसरी बार शीर्ष अदालत में दाखिल किये जाने वाले हलफनामे की रूपरेखाओं पर चर्चा हुई।

कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मंत्रिसमूह ने करीब एक घंटे तक विचार विमर्श किया। हमने उस हलफनामे की रूपरेखा पर चर्चा की जो उच्चतम न्यायालय में दाखिल किया जाना है। हलफनामे के साथ शीर्ष अदालत को दिये जाने वाले संशोधनों के प्रस्तावों पर भी चर्चा हुई।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘कुछ कमियां अब भी हैं जिन्हें पाटने की जरूरत है। अगली बैठक 24 जून को होगी, जब हलफनामे को अंतिम रूप दिया जाएगा। उसके बाद हम कैबिनेट में इसे लाएंगे और 3 जुलाई को उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दाखिल करेंगे।’’ विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद बैठक में शामिल नहीं हो सके।