यह ख़बर 17 जुलाई, 2014 को प्रकाशित हुई थी

समलैंगिकों के अधिकारों की रक्षा सरकार की जिम्मेदारी : हर्षवर्धन

हर्षवर्धन की फाइल तस्वीर

नई दिल्ली:

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने समलैंगिकों के मानवाधिकारों की बात करते हुए कहा कि उनके अधिकारों की रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है। एक कार्यक्रम से इतर उन्होंने कहा, समलैंगिकों समेत सभी के मानवाधिकार हैं और उनकी रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है।

हालांकि जब उनसे पूछा गया कि उनकी पार्टी बीजेपी सुप्रीम कोर्ट द्वारा समलैंगिकों के बीच शारीरिक संबंधों को भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत अपराधिक कृत्य ठहराए जाने के फैसले का समर्थन करती है और इस बारे में उनकी स्थिति क्या है, तो उन्होंने इस संबंध में आगे किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

पिछले साल जब न्यायालय का यह फैसला आया, उस समय बीजेपी विपक्ष में थी और उसने कहा था कि इस संबंध में सरकार को निर्णय लेना चाहिए और पार्टी उस आधार पर ही अपना रुख अख्तियार करेगी। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट इस मामले में एक सुधारात्मक याचिका पर सुनवाई कर रहा है।

वरिष्ठ बीजेपी नेता इस मुद्दे पर अलग-अलग सुर अपनाते रहे हैं और तब के बीजेपी अध्यक्ष तथा वर्तमान गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने समलैंगिक संबंधों को 'अप्राकृतिक' बताया था। अन्य वरिष्ठ नेता और वर्तमान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस पर थोड़ा उदार रुख अपनाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के समलैंगिक संबंधों को अपराधमुक्त बनाने के फैसले का समर्थन किया था। दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को बाद में शीर्ष अदालत ने पलट दिया था।


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