बीजेपी के पूर्व महासचिव गोविंदाचार्य ने कहा है कि नोटबंदी के कारण शहरों से पलायन बढ़ा है (फाइल फोटो).)
खास बातें
- बीजेपी के पूर्व महासचिव ने सरकार को बनाया निशाना
- नोटबंदी के असर का आकलन करने की कोई व्यवस्था नहीं की
- जीडीपी आधारित विकास का मॉडल देश में बेरोजगारी बढ़ा देगा
नई दिल्ली: नोटबंदी को लेकर सरकार को अब उसके 'अपने' ही निशाना बना रहे हैं. बीजेपी के पूर्व महासचिव केएन गोविंदाचार्य ने सरकार के नोटबंदी के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि नोटबंदी के चलते शहरों से गांवों की तरफ पलायन बढ़ गया है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व विचारक गोविंदाचार्य ने शुक्रवार को नागपुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए नोटबंदी और इसके कारण उपजे हालात पर अपना मत व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के असर का आकलन करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई. नोटबंदी के कारण रोजगार न मिलने के कारण लोगों का शहरों से गांवों की तरफ पलायन बढ़ गया है.
गोविंदाचार्य ने कहा कि ‘‘नोटबंदी के असर का आकलन करने के लिए सरकार ने कोई व्यवस्था नहीं की. शहरों में काम कर रहे गांवों के लोग काम न होने के कारण घर लौट रहे हैं.''
नागपुर के जीएच रायसोनी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे गोविंदाचार्य ने इस कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत की. उन्होंने अर्थव्यवस्था को लेकर कहा कि जीडीपी आधारित विकास का मॉडल देश में बेरोजगारी बढ़ा देगा.
(इनपुट एजेंसी से)