यह ख़बर 01 सितंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

शिक्षक दिवस को लेकर दिल्ली सरकार का निर्देश

मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी

नई दिल्ली:

दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने 29 अगस्त को दिल्ली के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को निर्देश जारी किया है। उसके मुताबिक, प्रधानमंत्री दोपहर तीन बजे से पौने पांच बजे तक देश के बच्चों को संबोधित करेंगे और सवाल जवाब होगा। इसका प्रसारण दूरदर्शन के राष्ट्रीय और क्षेत्रीय चैनलों से होगा।

मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा निर्देशित किया गया है कि पूरे देश के स्कूलों को ऐसी व्यवस्था करनी होगी, जिससे वे प्रधानमंत्री के भाषण का सीधा प्रसारण देख सकें। इसलिए सारे बच्चों को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से एक घंटा पहले यानी ढाई बजे से पौने पांच बजे तक के लिए इकट्ठा करना होगा। इस दिन सभी सरकारी स्कूलों में एक ही शिफ्ट होगी। वह भी एक से साढ़े पांच बजे तक।

प्राइवेट स्कूल अपने संसाधनों की ज़रूरत के अनुसार पांच सितंबर को सुबह आठ बजे से पांच बजे तक का समय चुन सकते हैं या एक बजे से साढ़े पांच का समय चुन सकते हैं। स्कूलों के प्रमुखों को पर्याप्त संख्या में टीवी सेट-टॉप बॉक्स, एम्प्लिफ़ायर, प्रोजेक्टर, जेनरेटर सेट, इनवर्टर का इंतज़ाम करना होगा ताकि छात्र पीएम का भाषण देख-सुन सकें।

सरकारी स्कूलों में इसके लिए जो खर्चा आएगा, वह वीकेएस फंड से भरा जाएगा। वीकेएस यानी विद्यालय कल्याण समिति के फंड से। तैयारियों के बारे में सभी ज़िला शिक्षा निदेशालयों को दो सितंबर को शाम पांच बजे तक रिपोर्ट देनी होगी। सारे प्रधानाचार्यों को निर्देश दिया जाता है कि वे अभिभावकों और माता−पिता को इसकी जानकारी दे दें। स्कूल की डायरी में लिखकर, एसएमएस के ज़रिये, नोटिस बोर्ड पर लिखकर आदि−आदि।

मिड-डे मील भी डेढ़ से दो बजे के बीच दिया जाएगा और इसकी सूचना मिड-डे मील वालों को पहले से दे दी जाए। अगर ज़रूरत हो तो इस कायर्क्रम के लिए स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों को भी बुलाया जा सकता है। सारे प्रधानाचार्यों को यह सुनिश्चित करना होगा कि भाषण के सीधे प्रसारण के दौरान स्कूलों में अनुशासन बना रहे।

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कायर्क्रम शुरू होने से पहले प्रधानाचार्यों को यह डिटेल देना होगा कि कितने छात्र ऑनलाइन मॉड्यूल से देख रहे हैं। सभी डीडीई शिक्षा अधिकारी, उप शिक्षा अधिकारी जब भाषण चल रहा होगा, तब स्कूलों का दौरा करेंगे यह देखने के लिए कि जैसा कहा गया है, वैसा पालन हो रहा है या नहीं। अगर इसमें कोई लापरवाही हुई तो उसे गंभीरता से लिया जाएगा।