वर्ष 2015-16 में गेहूं खरीद का टारगेट पूरा नहीं कर सकेगी सरकार

नई दिल्‍ली:

हाल में भारी बारिश और ओले गिरने की वजह से भारत सरकार के लिए 2015-16 में 3 करोड़ टन गेहूं की खरीद का टारगेट पूरा करना मुश्किल होगा। लोकसभा में दिए एक लिखित जवाब में खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने ये बात कही है। पासवान ने कहा, 'ज्यादा गेहूं पैदा करने वाले राज्यों जैसे पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड में बेमौसम बारिश, तेज़ हवाएं चलने और ओले गिरने की वजह से इस साल गेहूं की खरीद 3 करोड़ टन के टारगेट से कम रह सकती है।' खाद्य मंत्रालय के मुताबिक 2015-16 में अब तक 5.93 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद ही हो पायी है।

पासवान ने दावा किया कि गेहूं की खरीद के लिए मानकों में ढील दी गयी है और इससे गेहूं की खरीद पर पड़ने वाले असर को थोड़ा कम करने में मदद मिलेगी। खाद्य मंत्रालय ने अब तक गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में गेहूं की खरीद के मानकों में ढील दी है।

साथ ही, पासवान ने ये भी साफ़ किया की 1 अप्रैल तक केंद्र के पास 41 मीट्रिक टन का अनाज भंडार है जो बफर नॉर्म से दोगुना है।

पिछले साल भारत सरकार ने 2.8 मीट्रिक टन गेहूं ख़रीदा था।

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इस बीच कृषि मंत्रालय ने कहा है कि राज्यों से मिली ताज़ा जानकारी के मुताबिक 24 अप्रैल तक देश में 189.89 लाख हेक्टेयर ज़मीन बेमौसम बारिश और ओले गिरने से प्रभावित हो चुकी है। इससे पहले 16 अप्रैल तक कृषि मंत्रालय का आंकलन था कि 93.82 लाख हेक्टेयर ज़मीन ही प्रभावित हुई है।